नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच देशों के दौरे में दो देशों के एजेंडे पर खास निगाह है। अफगानिस्तान और स्वीट्जरलैंड। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो ऐसी गतिविधियां हैं, जो भारतीय विदेश नीति को नया मोड़ देंगी। एक ओर, पाकिस्तान की तालिबान समर्थक विदेशी नीति को चोट पहुंचाने की कवायद है। ईरान से होकर अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारा विकसित करने के भारत के एजेंडे में अफगानिस्तान और करीब आया है। दूसरी ओर, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता की कवायद है, जिससे भारत दुनिया के एलीट देशों के क्लब में शुमार हो जाएगा।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में जांच और राज्य कैबिनेट से उन्हें हटाए जाने की मांग को लेकर आप की पूर्व नेता अंजलि दमानिया ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने एक बार फिर जेएनयू प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाई है। कन्हैया ने विश्वविद्यालय के वीसी के उस बयान का विरोध किया है जिसमें उन्होंने कैंपस में जारी भूख हड़ताल को गैरकानूनी कहा था।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी को घटी विवादास्पद घटना के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए दंड के विरोध में 25 छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सम-विषय के दूसरे चरण की असली परीक्षा कल से शुरू होनी है, जब सभी स्कूल और कार्यालय खुल जाएंगे। साथ ही अपनी मांगों को लेकर ऑटो, टैक्सी संघ के हड़ताल के आयोजन से भी सार्वजनिक परिवहन पर लोगों का खासा जोर रहेगा। दूसरे चरण को 15 अप्रैल से दो सप्ताह के लिए लागू किया गया है।
दिल्ली सरकार सम-विषम योजना का दूसरा चरण कल से शुरू करने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है और इस सिलसिले में अगले 15 दिनों तक रोजाना सड़कों पर 2000 यातायात कर्मी, 580 प्रवर्तन अधिकारी एवं 5000 से अधिक नागरिक रक्षा स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे।