राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली अंबानी समूह की बिजली वितरण कंपनियों के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण राज्य सरकार उनका लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रही है।
देश में हर बात के लिए नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाले अरविंद केजरीवाल ने शुक्र है दिल्ली में बिजली संकट के लिए मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा नहीं किया है बल्कि दिल्ली में बिजली वितरण के लिए जिम्मेदार कंपनी बीएसईएस यमुना और बीएसईएस राजधानी के मालिक अनिल अंबानी को तलब कर लिया है। हालांकि अभी यह पता नहीं चला है कि बिजली वितरण करने वाली तीसरी कंपनी टाटा पावर के मुखिया साइरस मिस्त्री को तलब किया गया है या नहीं।
इस बार के राज्यसभा चुनाव भी कम दिलचस्प नहीं हो रहे हैं। इस बीच राहत की तरह केंद्रीय उर्जा मंत्री पीयूष गोयल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम आज महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिए गए।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सुरेश प्रभु, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम, जदयू नेता शरद यादव तथा तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक तथा द्रमुक के सभी प्रत्याशी नामांकन वापस लेने की समयसीमा समाप्त होने के बाद आज राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए। वहीं कई राज्यों में पार्टी प्रत्याशियों की सांसें अभी अटकी हुई हैं। इन राज्यों में सीट से अधिक उम्मीदवार हो जाने की वजह से अंतिम फैसला 11 जून को मतदान के जरिये होगा।
केंद्रीय बिजली मंत्री पीयूष गोयल एक तरफ सरकार की दो साल की उपलिब्धयों को गिना रहे थे तो दूसरी ओर उनकी पत्रकार वार्ता में बिजली की आंख मिचौली जारी रही।
भारतीय रेलवे ने तीर्थयात्रियों को बड़ी सुविधा देते हुए भारत दर्शन ट्रेन की शुरुआत की है। यह ट्रेन दर्शनार्थियों को शिरडी, तिरुपति, जगन्नाथपुरी, गंगासागर, बैद्यनाथ धाम और ज्योर्तिलिंगों की सैर कराएगी।
केंद्रीय सूचना आयोग ने अपने आदेशों के बावजूद एक आरटीआई अर्जी में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर नहीं देने के आरोप पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को आयोग की पूर्ण पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए नया नोटिस जारी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी यशोदाबेन उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुंचकर भगवान शंकर से अपने परिवार के लिए प्रार्थना की। यशोदाबेन ने सिंहस्थ में पहुंचकर साधु संतो से आर्शीवाद भी लिया।
देश के 13 राज्य गंभीर सूखे के संकट से जूझ रहे हैं। देश में औसतन हर साल 30 हजार हेक्टेयर खेती योग्य भूमि कम हो रही है। पर्यावरणविदों ने सरकार से मांग की है कि सूखे की समस्या के निपटारे के लिए दीर्घाकालीन पहल करने की जरूरत है।