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Search Result : "पुष्‍प कमल दहल प्रचंड"

नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाली पीएम दहल चीन के बजाए भारत पहले आ रहे, अंदाज भी है नरम

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्‍प कमल दहल प्रचंड अगस्त में पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए चीन की जगह भारत को चुना। प्रचंड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 15 से 18 सितंबर तक भारत के दौरे पर होंगे। प्रचंड का अंदाज भी पहले के मुकाबले नरम है। लिहाजा यह यात्रा भारत-नेपाल संबंधों को लेकर काफी महत्‍वपूर्ण होगी।
प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

प्रचंड के भारत दौरे से नेपाल की चीन नीति में `यू-टर्न’ के आसार

दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पुष्प कुमार दहल प्रचंड 15 सितंबर से तीन दिन के आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। भारत और नेपाल के संबंधों को लेकर प्रचंड का एजेंडा कितना सकारात्मक होगा- यह सवाल राजनयिक और राजनीतिक गलियारों में शिद्दत से चक्कर काट रहा है। प्रचंड के पूर्ववर्ती के.पी. शर्मा ओली का चीन के प्रति झुकाव जगजाहिर रहा है। इस कारण नेपाल में भारत के प्रति दुर्भावना बढ़ी है। ऐसे में प्रचंड की प्राथमिक चुनौती भारत के साथ संबंधों की नीतियां दुरुस्त करना होगी।
कमल खिलाने की खातिर कल जुटेगा भाजपा का कोर समूह

कमल खिलाने की खातिर कल जुटेगा भाजपा का कोर समूह

पूरा भारत कमलमय हो इसके लिए रणनीति बनने लगी हैं। जिन प्रदेशों में चुनाव हैं वहां विशेष जोर दिया जाने वाला है। कल इसी के लिए भारतीय जनता पार्टी का कोर ग्रुप जुट कर माथापच्ची करेगा।
नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

नेपाल में प्रचंड दाेबारा प्रधानमंत्री बने

नेपाल में माओवादी नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दोबारा प्रधानमंत्री पद पर चुन लिए गए हैं। प्रचंड के अलावा किसी ने भी पद के चुनाव के लिए पर्चा नहीं भरा था। ऐसे में उनका प्रधानमंत्री चुना जाना लगभग तय था। सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष ने अपनी उम्मीदवारी के पेपर संसदीय सचिवालय में दाखिल किए थे। उनका समर्थन नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और माओवादी नेता कृष्ण बहादुर महारा नेे किया।
नेपाल: प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन दाखिल किया

नेपाल: प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन दाखिल किया

नेपाल के शीर्ष माओवादी नेता प्रचंड ने प्रधानमंत्री पद के चुनाव के लिए मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। प्रधानमंत्री का चुनाव बुधवार को होना है और इससे देश में राजनीतिक स्थिरता आने की उम्मीद जताई जा रही है।
नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री ओली ने दिया इस्तीफा

नेपाल में फिर गहराया राजनीतिक संकट, प्रधानमंत्री ओली ने दिया इस्तीफा

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नेपाल के प्रधानमंत्री पद से के पी ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट एक बार फिर गहरा गया है। ओली ने अविश्वास प्रस्ताव को देश को प्रयोगशाला में बदलने और नए संविधान को लागू करने में रोड़ा अटकाने की विदेशी ताकतों की साजिश करार दिया।
माओवादियों ने समर्थन वापस लिया, नेपाल सरकार संकट में

माओवादियों ने समर्थन वापस लिया, नेपाल सरकार संकट में

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली नीत गठबंधन सरकार आज गंभीर संकट में फंस गई। सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल सीपीएन (माओवादी सेंटर) ने नौ महीने पहले सत्ता में आई ओली सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इस पार्टी ने प्रधानमंत्री पर पुराने समझौतों को लागू करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
राजस्थान में कांग्रेस समर्थित मोरारका हारे, भाजपा ने सभी सीटें जीती

राजस्थान में कांग्रेस समर्थित मोरारका हारे, भाजपा ने सभी सीटें जीती

राज्यसभा के लिए राजस्‍थान में हुए चार सीटों के लिए हुए चुनाव में सभी सीटें भाजपा ने जीत ली। कांग्रेस समर्थित कमल मोरारका निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव हार गए।
रुझान: दीदी-अम्मा की वापसी, असम में खिला कमल और केरल में लाल सलाम

रुझान: दीदी-अम्मा की वापसी, असम में खिला कमल और केरल में लाल सलाम

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मतगणना के प्रारंभिक रूझानों में ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस अपने प्रतिद्वंद्वी वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन से काफी आगे चल रही है जबकि असम में भाजपा बढ़त बनाए हुए है। तमिलनाडु में जयललिता की अन्नाद्रमुक और केरल में वाममोर्चा गठबंधन एलडीएफ आगे चल रहा है।
चर्चा : संघ की जमीन-पानी से खिला कमल। आलोक मेहता

चर्चा : संघ की जमीन-पानी से खिला कमल। आलोक मेहता

असम विधानसभा चुनाव में भारी विजय के साथ पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में नया वोट खाता खोलने से भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का आत्मविश्वास बढ़ गया है। असम-अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्री य स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक लगभग 40 वर्षों से सक्रिय थे। इसी जमीनी आधार का लाभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को असम में कमल खिलाने के लिए मिला है।
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