सऊदी अरब में एक शिया माैलवी को फांसी दिए जाने पर खाड़ी देशों में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है। ईरान की राजधानी तेहरान में गुस्साई भीड़ ने सऊदी अरब के दूतावास को आग लगा दी।
सऊदी अरब में शिया मौलवी शेख निम्र अल-निम्र समेत 47 कैदियों को मौत की सजा दी गई है। मौत की सजा पाने वाले लोगों में एक शिया मौलवी भी शामिल है जिसने 2011 की अरब क्रांति के दौरान मुख्य भूमिका निभाई थी।
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत सभी सरकारी इमारतों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ-साथ राज्य का झंडा फहराने को कहा गया था। राज्य में दो झंडे फहराने के मुद्दे पर सियासी बहस छिड़ी है।
पिछले साल रोहतक के बहुअकबरपुर में एक नेपाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में स्थानीय अदालत ने सात दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। युवती का शव 4 फरवरी को बहुअकबरपुर के पास खेतों में क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था और उसके साथ नौ लोगों द्वारा बलात्कार की पुष्टि हुई थी। इन दोषियों में से एक ने आत्महत्या कर ली थी जबकि एक आरोपी नाबालिग है।
निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई पर रोक की आखिरी उम्मीद भी ध्वस्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग की याचिका खारिज करते हुए रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अदालत का कहना है कि दोषी की सजा बढ़ाने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
अरुणाचल प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर एक होटल में विधानसभा का सत्र बुलाया और मुख्यमंत्री नबाम तुकी को हटकार एक बागी विधायक को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। हालांकि, गोहाटी उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए इस बैठक में लिए गए सभी फैसलों पर रोक लगा दी जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का निर्णय भी शामिल है।
सोलह दिसंबर, 2012 की सामूहिक बलात्कार की दर्दनाक घटना के मामले में दोषी किशोर की रविवार को रिहाई का रास्ता आज उस समय साफ हो गया जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए कहा कि कानून के वर्तमान प्रावधानों के तहत उसे रिहा होने से नहीं रोका जा सकता। अगर उच्चतम न्यायालय रोक नहीं लगाता है तो अब 20 साल के हो चुके दोषी के 20 दिसंबर को तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से बाहर आने की उम्मीद है।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।
प्रदूषण के बढ़ते स्तर से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने आज संकेत दिया है कि वह अगले तीन चार महीने के लिए 2000 सीसी से अधिक क्षमता वाले इंजनों की डीजल एसयूवी कारों और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण पर रोक लगा सकता है। साथ ही न्यायालय ने यह भी संकेत दिया कि इसके अलावा राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर लगने वाला हरित शुल्क दोगुना किया जा सकता है।
खतरनाक हद तक बढ़ चुके प्रदूषण में कमी लाने की दिशा में एक अंतरिम उपाय करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने आदेश दिया कि दिल्ली में डीजल से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा और डीजल से चलने वाले 10 साल से ज्यादा पुराने वाहनों के पंजीकरण का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।