ममता बनर्जी लंबे राजनीतिक अनुभव से बहुत व्यावहारिक होती जा रही है। केजरीवाल की तरह वह सत्ता में रहकर भी हड़ताली आंदोलनकर्ता नहीं रह सकती। इसीलिए बंगाल में सिंगूर के किसानों के लिए संघर्ष की पृष्ठभूमि के बावजूद उन्होंने किसानों को खेती की जमीन लौटाने के साथ टाटा ग्रुप या अन्य उद्योगपतियों को प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने के लिए समुचित जमीन और सुविधाएं देने की पहल की है। ममता जबरन जमीन के अधिग्रहण करके उद्योग लगाने की प्रवृत्ति को अनुचित मानती है।
रिजर्व बैंक गवर्नर का पद छोड़ने से एक दिन पहले गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर को न कहने की रिजर्व बैंक क्षमता को बचाये रखना चाहिये क्योंकि देश को एक मजबूत और स्वतंत्र केन्द्रीय बैंक की जरूरत है।
अपने साथी खिलाडि़यों की तरह बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा को भी बखूबी पता है कि विदेश में जीते बगैर भारत में मिली कामयाबी के उतने मायने नहीं हैं और वेस्टइंडीज के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का लक्ष्य यही है।
कश्मीर में हिजबुल के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा और बिगड़ी स्थिति चिंताजनक है। ऐसी हालत में एक बार फिर मीडिया सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से स्वतंत्र मीडिया दुनिया भर को तथ्य पहुंचाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देशों की समस्याएं, आतंकवादी घटनाएं और हिंसा की समस्याएं भारत से भिन्न हैं।
मेहरबान मोदी सरकार ने केंद्र सरकार से जुड़े 47 लाख कर्मचारियों का वेतन ढाई गुना बढ़ा दिया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर अधिकारियों-सचिवों ने रिकार्ड तोड़ फुर्ती से वेतन बढ़ोतरी का इंतजाम कर दिया। फिर भी कर्मचारी संगठन पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं।
पूर्व विदेश मंत्री तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, ‘एनएसजी (न्यूक्लियर सप्सायर ग्रुप) की सदस्यता पाकर भारत को कोई फायदा नहीं होगा, नुकसान ही होगा। इसलिए उस पर उतावलेपन की जरूरत नहीं थी।’
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि आतंकवाद, तस्करी और मादक पदार्थों से जुड़ी गतिविधियां एक दूसरे से जुड़ी हैं और देश के सामाजिक जीवन को तबाह करने वाली इन बुराइयों की कड़ियों को तोड़ने के लिए समन्वित प्रयास जरूरी हैं।
ज्यादा दिन नहीं बीते जब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने आउटलुक (अंग्रेजी) से बातचीत में कहा था कि संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की सीमित भूमिका था। अब राय के करीबी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक तथा भाजपा के पूर्व नेता के.एन. गोविंदाचार्य ने एक और विवाद को जन्म देते हुए कहा है कि जरूरी नहीं है कि संविधान में परिवर्तन संसद के जरिये ही हो।
कांग्रेस हो अथवा भाजपा या कोई अन्य दल, जातिगत समीकरण अथवा आपराधिक दबदबे से चुनावों को प्रभावित करने वाले लोगों को मजबूरी में जोड़े रखना देर-सबेर घातक ही साबित होता है। ताजा प्रमाण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के विद्रोही अजीत जोगी परिवार का विद्रोह और नई पार्टी बनाने की घोषणा है।