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निर्भया कांड का दोषी रिहा, इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन

निर्भया कांड का दोषी रिहा, इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन

निर्भया कांड के वक्‍त नाबालिग रहे दोषी को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। उसकी रिहाई के विरोध में रविवार को काफी लोग जंतर-मंतर पर जुटे और इंडिया गेट तक मार्च निकालने की कोशिश की। निर्भया के माता-पिता ने भी दोषी की रिहाई के खिलाफ इंडिया गेट पर विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। खबर है कि इस दौरान निर्भया की माँ को कुछ चोटें भी आई हैं।
निर्भया कांड: दोषी की रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

निर्भया कांड: दोषी की रिहाई पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

दिल्‍ली महिला आयोग ने निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने विशेष अनुम‍ित याचिका पर अविलंब सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। इस याचिका पर आज सुनवाई होगी।
निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया कांड: दोषी को उसके गांव में नहीं घुसने देंगे गांव वाले

निर्भया के साथ दरिंदगी के आरोप में तीन साल की सजा भुगतने के बाद रिहा हो रहे किशोर की सजा बढ़ाने की पुरजोर मांगों के बीच बदायूं स्थित उसके गांव में एक पक्ष उसके गांव में दाखिल होने का विरोध करने की तैयारी में है। इस बीच दोषी की रिहाई को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा कारणों से उसे बाल सुधार गृह से किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है।
पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब में अंग प्रत्यारोपण होगा आसान

पंजाब सरकार बहुत जल्द राज्य में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियन (ऑर्गेन ट्रांसप्लांट एक्ट) लागू करने जा रही है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री अनिल जोशी के अनुसार भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से वर्ष 1994 में मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम बनाया गया था, जिसे पंजाब सरकार ने भी लागू किया था लेकिन इस संबंध में वर्ष 2011 का संशोधित अधिनियम और वर्ष 2014 के नियम राज्यों को लागू करना अनिवार्य नहीं था। अब राज्य सरकार वह करने जा रही है। गौरतलब है कि पंजाब मानव अंगों की तस्करी की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहा है। जोशी के अनुसार समय की मांग अनुसार इस अधिनियम में कई बार संशोधन किए गए थे क्योंकि अंग प्रत्यारोपण जान बचाने के लिए एक बहुत कारगर प्रयास साबित हुआ है। उनका कहना है कि इस समय किडनी, आंखें और लीवर आदि प्रत्यारोपित कर हजारों जानें बचाई जा रही हैं।
निर्भया की तीसरी बरसीः औरतों पर बैखौफ हिंसा जारी

निर्भया की तीसरी बरसीः औरतों पर बैखौफ हिंसा जारी

हिंसा की शिकार बच्चियों और महिलाओं को आज भी बरसों-बरस न्याय के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, हिंसा की घटनाओं में इजाफा, नाबालिग अपराधियों पर बहस जारी
बलात्कार ने गागा को बदल दिया

बलात्कार ने गागा को बदल दिया

पॉप संगीत की दुनिया की मशहूर शख्सियत लेडी गागा उन महिलाओं के लिए दिलासा तो नहीं लेकिन नए जीवन की राह में प्रेरणा हो सकती हैं। गागा ने खुलासा किया है कि 19 साल की उम्र में वह बलात्कार का शिकार हुईं थीं। उन्होंने बताया कि इस भयावह अनुभव ने कैसे उनकी जिंदगी बदलकर रख दी।
आठ साल की बच्ची से आठ महीने तक दादा-चाचा करते रहे बलात्कार

आठ साल की बच्ची से आठ महीने तक दादा-चाचा करते रहे बलात्कार

एक दफा फिर रिश्ते तार-तार हो गए जब दादा और चाचा ने आठ वर्षीय अपनी ही घर की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया। बच्ची मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट की रहने वाली है। खबर है कि बच्ची के दादा और सौतेले चाचा कानपुर निवासी हैं और उन्होंने उसके साथ कानपुर में बलात्कार किया।
तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

तेजाब कांड में 11 साल बाद शहाबुद्दीन को उम्र कैद

राजद के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन और तीन अन्य दोषियों को बिहार के सीवान जिले में 11 वर्ष पहले तेजाब डालकर दो भाइयों की नृशंस हत्या के मामले में एक जिला अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
निर्भया मामले में मानवाधिकार आयोग का दिल्ली और केंद्र के अधिकारियों को नोटिस

निर्भया मामले में मानवाधिकार आयोग का दिल्ली और केंद्र के अधिकारियों को नोटिस

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने निर्भया के माता-पिता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। गौरतलब है कि 16 दिंसबर 2012 की रात दिल्ली में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई थी। कुछ दिन के बाद निर्भया की मौत हो गई थी।
रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

रिहाई के बाद भी रहे यौन अपराधियों पर नजरः मेनका

निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड में अपराधी ठहराए गए किशोर आरोपी की रिहाई को नजदीक देखते हुए केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने आज कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मांग की है कि यौन अपराधों के आरोपी और इन मामलों में सजा काट चुके अपराधियों के एक बार कारागार से रिहा होने के बाद भी उन पर कड़ी नजर रखी जाए।
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