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पहली 'महिला वियाग्रा' को चेतावनी के साथ मिली मंजूरी

पहली 'महिला वियाग्रा' को चेतावनी के साथ मिली मंजूरी

लंबे इंतजार के बाद अमेरिका में महिलाओं की यौन इच्‍छा को बढ़ाने वाली दवा को नियामक संस्‍था से मंजूरी मिल गई है। इस 'महिला वियाग्रा' को लैंगिक आजादी की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
भारत ने जीती सस्‍ते आयोडिन नमक के पेटेंट की जंग

भारत ने जीती सस्‍ते आयोडिन नमक के पेटेंट की जंग

यह 21वीं सदी का नमक सत्याग्रह है जिस पर महात्मा गांधी को भी गर्व होता। भारत ने आयोडिन युक्त नमक उत्पादन को लेकर एक दिग्गज बहुराष्ट्रीय कंपनी के खिलाफ पेटेंट की लड़ाई जीत ली है। नमक को लेकर यह लड़ाई भावनगर की एक सरकारी प्रयोगशाला ने जीती और दैनिक उपभोग के आयोडिन युक्त नमक बनाने के पेटेंट का नियंत्रण बहाल कर लिया। इस लड़ाई में बहुराष्ट्रीय कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) को मात मिली।
'आरकुट' के बाद 'गूगल प्‍लस' को बंद करने की तैयारी!

'आरकुट' के बाद 'गूगल प्‍लस' को बंद करने की तैयारी!

इंटरनेट जगत की दिग्गज कंपनी गूगल अपने सोशल नेटवर्क गूगल प्‍लस को अलविदा कहने की तैयारी कर रही है। चार साल पहले फेसबुक को टक्‍कर देने के लिए यह सोशल नेटवर्किंग सेवा शुरू की गई थी। लेकिन पिछले कई महीनों से कंपनी ने गूगल प्‍लस की उपयोगी फीचर को अलग सेवा के तौर पर डेवलप करना शुरू कर दिया है। कंपनी गूगल प्‍लस को गूगल की सभी गतिविधियों को केंद्र नहीं बनाना चाहती है।
फॉक्सवैगन बनी दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी

फॉक्सवैगन बनी दुनिया की सबसे बड़ी कार कंपनी

जर्मनी की वाहन निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन दुनिया की सबसे बड़ी वाहन कंपनी बन गई है। फॉक्सवैगन ने हाल तक विश्व की सबसे बड़ी वाहन निर्माता रही टोयोटा को पीछे छोड़ दिया है।
भारतीय मंत्री की घूसखोरी का अमेरिका में भांडाफोड़

भारतीय मंत्री की घूसखोरी का अमेरिका में भांडाफोड़

भारत में जल परियोजनाओं को हासिल करने के लिए अमेरिकी कंपनी लुई बर्जर ने गोवा और गुवाहाटी में 9,76,000 डॉलर की रिश्वत दी है। अमेरिका की न्यूजर्सी स्थित निर्माण प्रबंधन कंपनी पर भारत ने गोवा और गुवाहटी में जल विकास से जुड़ी दो प्रमुख परियोजनाएं हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है।
हम तो लौटना चाहते थे पर तुम्हारी मिनिस्ट्री और आडवाणी ने खेल कर दियाःछोटा शकील

हम तो लौटना चाहते थे पर तुम्हारी मिनिस्ट्री और आडवाणी ने खेल कर दियाःछोटा शकील

दाउद इब्राहिम के बाद डी-कंपनी में नंबर दो और उसका सबसे भरोसेमंद सहयोगी छोटा शकील अब भारत लौटना नहीं चाहता। शकील के अनुसार, 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद देश वापस लौटने की उनकी पेशकश को भारत सरकार ने ठुकरा दिया था और अब वे खुद भारत लौटने से हिचक रहे हैं।
कहानी: श्री कृष्ण उवाच

कहानी: श्री कृष्ण उवाच

दक्षिणेश्वर (कोलकाता) में जन्म। कोलकाता से बी. कॉम. एडवांस एकाउन्ट्स में प्रथम श्रेणी में आनर्स। रांची से एल.एल.बी। मुख्य धारा की सभी पत्रिकाओं में लगभग तीस कहानियां प्रकाशित। बीज नाम से एक कथा संग्रह। वर्तमान साहित्य का कृष्ण प्रताप स्मृति सम्मान। फिलवक्त आसनसोल, पश्चिम बंगाल में निवास और स्वतंत्र लेखन।
मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

मौजूदा सरकार में विज्ञान की नासमझी: पीएम भार्गव

वह उम्र के उस पड़ाव में हैं, जहां कांपते हाथों के साथ लड़खड़ाती जुबान से लोग अपने बीते दिनों की उपलब्धियों को गिनते-गिनवाते हैं लेकिन उनका मामला अलग है। वह खुद ही पूछते हैं, बताओ मेरी उम्र कितनी है, फिर मेरे मौन को मेरी दुविधा समझकर खुद ही जवाब देते हैं, 86 साल। नहीं लगता न, अगर ये पार्किंसंस (हाथों-पैरों के स्वत: हिलने की बीमारी) न परेशान करता तो शायद बिल्कुल भी न लगता। पुष्प मित्र भार्गव (पी.एम.भार्गव) देश के आला वैज्ञानिक, बायोलॉजिस्ट हैं। उन्हें इस बात की फिक्र है कि अगर देश में जीन संवद्धित (जीएम) फसलों को मंजूरी मिल गई तो इससे किस तरह न सिर्फ पर्यावरण, खेती को नुकसान होगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों को नुकसान होगा।
एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

एम्स का चरित्र बदलने की तैयारी, इलाज होगा महंगा

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), यानी भारत के गरीब और आम बीमार आदमी का मक्का-मदीना। देश भर के गरीबों के लिए बड़ी से बड़ी बीमारियों से लड़ने का आखिरी मुकाम। अक्सर यह बड़े नेताओं के इलाज करवाने की वजह से भी चर्चा में रहता है। एक बार फिर इसका चरित्र बदलने की कवायद चल रही है। एक बार फिर इसे रईसों, सुविधा संपन्न बीमारों के लिए चमचमाने की कोशिश हो रही है। यह पूछने की जरूरत नहीं है कि ऐसा आम मरीजों के इलाज और विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए आने वाले पैसे से ही करने की तैयारी है।
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