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फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

अपने ज़माने की बेहतरीन गायिका मुबारक बेगम दुनिया से विदा हो गईं । 'शो मस्ट गो ऑन' के दर्शन में यक़ीन रखने वाली फ़िल्म इंडस्ट्री की आबोहवा पर उनकी रुख़्साती से कोई फ़र्क़ ना तो पड़ना था और ना ही पड़ा । बेशक आम भारतीय आज भी उनके गीत 'कभी तनहाइयों में यूँ तुम्हारी याद आएगी' में खोए हों मगर फ़िल्म उद्योग ने तो उन्हें वर्ष 1980 में तब ही भुला दिया था जब उन्होंने आख़िरी बार किसी हिंदी फ़िल्म के लिए गाना गाया था ।
वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

गायिका मुबारक बेगम के जाने की ख़बर आयी तो दिल बैठ गया। मेरा उनसे करीब दस साल पुराना नाता रहा है। ज़माने ने वो हक़ मुबारक बेगम को कभी नहीं दिया जिसकी वो हक़दार थीं। मुबारक बेगम को ज्याकदातर बस फिल्मय ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाोईयों में यूं हमारी याद आयेगी/ अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’...के ज़रिये याद कर लिया जाता है। या फिर ‘मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हमराही’ (फिल्मं हमराही)। लेकिन मुबारक बेगम ‘वन सॉन्गा वंडर’ नहीं थीं।
हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

हमेशा ही याद आएंगी मुबारक बेगम

कभी तनहाइयों में हमारी याद आएगी...सन 1961 का सबसे बड़ा हिट रोमांटिक गाना था। इसे गाया था, मुबारक बेगम ने। अस्सी की उम्र में मुबारक बेगम इस दुनिया को अलविदा कह गईं। उनके पीछे तनहाईयों में अब बस उनकी याद है।
दादरी कांड: कोर्ट ने दिया अखलाक के परिवार के खिलाफ एफआईआर का आदेश

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दादरी के अखलाक हत्याकांड में गुरूवार को एक नया मोड़ आ गया जब एक स्थानीय अदालत ने कथित गौकशी के मामले में अखलाक के परिवार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे दिया।
दिग्‍गी बोले, सोनिया-राहुल-प्रियंका एक साथ फूंक सकतेे हैंं कांग्रेस में जान

दिग्‍गी बोले, सोनिया-राहुल-प्रियंका एक साथ फूंक सकतेे हैंं कांग्रेस में जान

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने साफ कहा है कि अगर कांग्रेस को दोबाराा जनता के बीीच दोबारा स्‍थापित करना हैै तो कांग्रेस अध्‍यक्ष साेनिया गांधी, उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एक साथ मैदान में उतरना होगा।
मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

मर रहे उद्योगों में जान फूंकेगा ‘मुस्लिम चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’

हस्तकला क्षेत्र में भारतीय मुसलमानों का अपना विशेष स्थान है लेकिन वक्त के साथ-साथ शहरीकरण समेत अनेक वजहों के चलते मुसलमान हस्तकला और कुटीर उद्योगों से किनारा कर रहे हैं। इन परंपरागत उद्योगों को जिंदा रखने और मुसलमानों में विभिन्न व्यापारिक गतिविधियों को दिशा देने के लिए ‘दि मुस्लिम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुसलमानों की व्यापारिक गतिविधियों विशेष रूप से परंपरागत कला संबंधी लघु उद्योगों को मजबूत करना है।
कनाडा में पगड़ी का इस्तेमाल कर सिख ने बचाई डूबती बच्ची की जान

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कनाडा में एक सिख व्यक्ति को एक नायक की तरह सराहा जा रहा है क्योंकि उसने सूझबूझ का परिचय देते हुए अपनी पगड़ी की मदद से नदी में डूब रही लड़की को बाहर निकाल लिया।
भाजपा में दाल गलनी मुश्किल जान कुछ अनोखा करने के फेर में स्वामीप्रसाद मौर्य

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बसपा से इस्तीफा देकर अलग हुए उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा-भाजपा सहित सभी विकल्प खुले रखे हुए हैं
ओरलैंडो गोलीबारी के दौरान भारतीय मूल के मरीन ने बचाई कई लोगों की जान

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ओरलैंडो के समलैंगिक क्लब पर हुए आतंकवादी हमले के दौरान कई लोगों की जान बचाने को लेकर भारतीय मूल के एक पूर्व मरीन की खूब प्रशंसा हो रही है। इस हमले में 49 लोगों की मौत हो गई थी।
चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

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नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
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