कहा जाता है कि ज्ञान और बुद्धि कभी अमीरी-गरीबी नहीं देखती। और आज यह बात छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में साबित हो गई, जहां एक ऑटो ड्राइवर की बेटी ने आईआईटी में 169वीं रैंक हासिल की।
देश के सर्वोच्च पद के लिए ‘अंतरात्मा की आवाज’ पर वोट देने की अपील करते हुए मीरा कुमार ने कहा कि भारत जिस विचारधारा और सिद्धांतों में आस्था रखता है, वह इस समय खतरे में है।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बेहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में कलेक्टर अवनीश शरण का बहुत बड़ा हाथ है। ये पहला मौका नहीं है, जब अवनीश ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया, इससे पहले उन्होंने अपनी बेटी को 9 माह तक आंगनबाड़ी में पढ़ाया था।
एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद उम्मीदवार घोषित रामनाथ कोविंद को समर्थन देने के बाद जेडीयू और आरजेडी में जुबानी जंग तेज हो गई है। दोनों ही पार्टियों के नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
आजादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाने वाले दिग्गज नेता बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार को विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार बनाकर एनडीए को महती चुनौती देने की कोशिश की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू ने हालाकि एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की बात कहकर अपना पक्ष भले स्पष्ट कर दिया हो लेकिन बिहार की मीरा कुमार योग्यता और प्रशासनिक संवैधानिक अनुभव में कोविंद से बीस ही साबित होंगी। तो क्या नीतीश कुमार के सामने यह धर्मसंकट खड़ा हो सकता है कि वे बिहार की दिग्गज दलित बेटी का साथ देंगे।
भारत में जन्म लेने वाली स्वीडिश नागरिक नीलाक्षी एलिजाबेथ जॉरंडल करीब 41 सालों बाद भारत में अपनी मां से मिली। जब मां-बेटी आपस में मिली तो सभी भावुक हो गए। 44 वर्षीय नीलाक्षी को 3 साल की उम्र में उसे एक स्विडिश दंपती ने गोद ले लिया था, जिनके साथ वो स्विडन चली गई थी।
हिंसा की आग में पिछले कई दिनों से सुलग रहे सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में शुक्रवार को पहली बार खुशी का महौल देखने को मिला। इस खुशी का कारण कुछ और नहीं बल्कि एक दलित परिवार में दो बहनों की शादी को लेकर था। शादी की वजह से गांव में कई दिनों के बाद खुशी का माहौल दिखा।