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Search Result : "बोलने की आजादी"

मराठी बोलने वाले ही चला पाएंगे मुंबई में ऑटो

मराठी बोलने वाले ही चला पाएंगे मुंबई में ऑटो

एक नवंबर से महाराष्ट्र सरकार ऑटो चलाने के परमिट के लिए नियमों में एक नया बदलाव करने जा रही है। इसके तहत मुंबई में अब उन्हीं लोगों को ऑटो चलाने का परमिट दिया जाएगा, जो मराठी भाषा बोल सकते हैं। इस फैसले के परिणाम का आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि मुंबई में अच्छी खासी संख्या में उत्तर भारतीय लोग ऑटो चलाते हैं।
आहार और विचार पर प्रतिबंध के बीच पिसती आजादी

आहार और विचार पर प्रतिबंध के बीच पिसती आजादी

असहिष्‍णुता, सामाजिक जीवन के किसी एक क्षेत्र में एकांत में ही नहीं फलती-फूलती बल्कि जीवन के विभिन्‍न क्षेत्रों में समांतर रूप से फैलती है। महाराष्‍ट्र में सत्‍ता में बैठी भाजपा के बहुमत वाली सरकार ने कुछ महीनों पहले बीफ बेचने और खाने पर प्रतिबंध लगाया था। इस फैसले ने मीट उद्योग से जुड़े कामगारों के सामने रोजगार का संकट पैदा कर दिया। मुंबई के सबसे बड़े देवनार बूचड़खाने के कामगार बेरोजगारी की मार से छटपटा रहे हैं।
मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

दूध-खोए की बनी मिठाइयां सत्ता हठ के चलते सरहदों की मोहताज हो सकती हैं लेकिन रिश्तों की मिठास किसी लकीर और सरहद की मोहताज नहीं। राजनयिक संबंधों में तनातनी के चलते इस दफा बेशक सरहद पर दोनों देशों ने एक-दूसरे को मिठाइयां नहीं दीं लेकिन इस पार और उस पार के लोगों ने इस रवायत को कायम रखते हुए बता दिया कि दिलों के रिश्ते सरहदी कांटेदार तारों से नहीं काटे जा सकते।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक एकाउंट पर विवाद

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक एकाउंट पर विवाद

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल के फेसबुक एकाउंट को बिना कारण बताए ही फेसबुक ने बंद कर दिया है। इसको लेकर मीडिया जगत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दिलीप मंडल ने बताया कि फेसबुक ने बिना किसी सूचना या चेतावनी के ही उनका एकाउंट बंद कर दिया है।
आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

आजादी विशेष | निजी कानून से निजात की छटपटाहट

मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्‍मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।
आजादी विशेष | इन कानूनों में अब भी बंधे हम

आजादी विशेष | इन कानूनों में अब भी बंधे हम

आजादी के 68 साल के जश्न के बीच आजादी का अहसास किन-किन बंद तालों से आज भी टकरा रहा है, इसकी पड़ताल की जरूरत बेहद शिद्दत से महसूस की जा रही है। ये ताले जब कानूनों के हों तो फिर आजादी की तड़प बंद पिंजरे में फडफ़ड़ाती है।
आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

आजादी विशेष | मत बोल कि जुबां है बंदिश में तेरी

अभिव्यक्ति की आजादी के लिए यह वर्ष नाटकीय रहा है। यह इंडियाज डॉटर पर सेंसरशिप से लेकर श्रेया सिंघल फैसले के उत्साह और फिर गुपचुप तरीके से इंटरनेट पर पोर्नोग्राफी को ब्लॉक करने की सरकारी कोशिश के बीच झूलता रहा। हालांकि हर घटना ने अलग-अलग नाराजगी पैदा की मगर सच यही है कि ये सभी जुड़ी हुई हैं। ये सभी अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे को दूर रखने वाले संवैधानिक सुरक्षा उपायों में मौजूद खामियों को बताने वाले चेतावनी संकेत हैं।
आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।
आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

आजादी विशेष | नए-पुराने कानूनों के बल पर नया कंपनी राज

सत्ता, कानून और न्यायालय से क्या आज भी देश के आम नागरिक और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को न्याय की उम्मीद बंधती है? क्या उसके मौलिक अधिकार समाज के सुविधा संपन्न और रसूखदारों की तरह सुरक्षित हैं? कानूनों के संदर्भ में जब हम आजादी की बात करें तो इस पहलू की गहराई से विवेचना होनी चाहिए। समाज में, नीति-निर्धारकों में जो दो फाड़ है, वह कानून की दुनिया में भी साफ दिखाई देता है।
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