आजादी विशेष | इस राष्ट्र का कोई धर्म नहीं है!
भारत राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर केंद्र की मौजूदा सरकार यह कहकर सवाल खड़ी कर रही है कि संविधान की प्रस्तावना से 'धर्मनिरपेक्षता’ और 'समाजवाद’ जैसे शब्दों को हटा देना चाहिए। इस बहस से हालांकि सरकार को मजबूरन अपने कदम पीछे खींचने पड़े लेकिन यह मान लेना एक बड़ी भूल होगी कि यह विवाद ठंडा पड़ चुका है।