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जाति-धर्म से परे भाजपा को मिला जनादेश, मोदी सबसे कद्दावर नेता :  शाह

जाति-धर्म से परे भाजपा को मिला जनादेश, मोदी सबसे कद्दावर नेता : शाह

उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड में भाजपा की शानदार जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीबोन्मुख नीतियों को देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जनता ने जाति, धर्म के बंधन से ऊपर उठकर विकास और विकासवादी सरकार के लिए वोट दिया है और मोदी देश के सबसे कद्दावर नेता के रूप में सामने आए हैं। शाह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरीबोन्मुख नीतियों पर जनता की मुहर है जिसके कारण उत्तरप्रदेश में भाजपा दो तिहाई बहुमत से जीत दर्ज कर रही है।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मासिक धर्म को लेकर शिक्षित होंगी छात्राएं

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में मासिक धर्म को लेकर शिक्षित होंगी छात्राएं

दिल्ली के सरकारी स्कूलों की किशोर छात्राओं को मासिक धर्म पर शिक्षित करने के उद्देश्य से एक एनजीओ स्कूलों में पीरियड टॉक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें छात्राओं को मासिक धर्म से संबंधित बराबर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिये जायेंगे।
जाति और धर्म के नाम पर नहीं चुनाव लड़ रही भाजपा- भूपेंद्र यादव

जाति और धर्म के नाम पर नहीं चुनाव लड़ रही भाजपा- भूपेंद्र यादव

भारतीय जनता पार्टी के महासचिव भूपेंद्र यादव का कहना है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी जाति और धर्म के नाम पर नहीं चुनाव लड़ रही है। आउटलुक से विशेष बातचीत में यादव कहते हैं कि उनका मुख्य मुद्दा विकास का है और इसी को ध्यान में रखकर पार्टी चुनाव लड़ रही है।
चुनावी खेल में मीडिया के माथे पर जाति-धर्म का टीका

चुनावी खेल में मीडिया के माथे पर जाति-धर्म का टीका

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा जाति, धर्म, संप्रदाय के नाम पर वोट मांगे जाने को अवैध करार दिया। अब पांच राज्य विधान सभाओं का चुनावी बिगुल बज गया है। उम्मीदवार न सही वर्षों से जाति-धर्म के झंडे-डंडे लेकर चुनावी अखाड़े में शक्ति प्रदर्शन करने वाले आसानी से पीछे नहीं हटने वाले हैं।
धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना गलत : सुप्रीम कोर्ट

धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना गलत : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा है कि धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर वोट मांगा जाना चुनाव कानून प्रावधान के तहत भ्रष्ट तरीका है। जनप्रतिनिधि कानून में भ्रष्ट तरीके को परिभाषित करने वाली धारा 123 (3) में इस्तेमाल शब्द उसका धर्म के संदर्भ में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर और तीन अन्य न्यायाधीशों ने तीन के मुकाबले चार के बहुमत से फैसला सुनाते हुए कहा कि इसका यह अभिप्राय मतदाताओं, उम्मीदवारों और उनके एजेंटों आदि समेत सभी के धर्म और जाति से है।
मिशनरियों में हिंदुओं का धर्म बदलने की ताकत नहीं: भागवत

मिशनरियों में हिंदुओं का धर्म बदलने की ताकत नहीं: भागवत

धर्मांतरण का मुद्दा उठाते हुए राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि देश में ऐसी कोशिशों के कामयाब होने की संभावना नहीं है क्योंकि मिशनरियों में ताकत नहीं है।
धर्म के नाम पर भारत को पाकिस्तान नहीं बांट पाएगा : राजनाथ

धर्म के नाम पर भारत को पाकिस्तान नहीं बांट पाएगा : राजनाथ

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर के कठुआ में कहा कि पाकिस्तान धर्म के नाम पर भारत को बांटने की साजिश कर रहा है, लेकिन वो कामयाब नहीं होगा। बल्कि उसके ही दस टुकड़े हो जाएंगे।
‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘’कोई धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वीकृति नहीं देता’’

‘धर्म न केवल मनुष्य बल्कि प्राणिमात्र की एकता और सौहार्द्र की सीख देते हैं। अहिंसा और प्रेम हर धर्म के मूल में हैं। समाज का कोई भी धर्म हिंसा और वैमनस्य को स्वी‌कृ‌ति नहीं देता।’ सद्भावना सेवा संस्‍थान एवं इंटरफेथ फाउंडेशन के तत्वावधान में हुए “सामाजिक, धार्मिक परिदृश्यः परिवर्तन और जिम्मेदारियां” विषयक सेमिनार में आए विचारों का लब्बोलुआब करीब-करीब यही था।
‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

‘भाषा का कोई धर्म नहीं होता, बल्कि मजहब को भाषा की जरूरत होती है’

उर्दू जबान की तरक्की के लिए फिक्रमंद साहित्यकारों और शिक्षाविदों का मानना है कि इस भाषा को सिर्फ मुसलमानों की जबान के तौर पर पेश कर एक दायरे में सीमित करने की कोशिशें की जा रही हैं जबकि असलियत यह है कि यह पूरे देश में और विभिन्न समुदायों में बोली जाती है और इसके विकास में सभी का अहम योगदान है। इसके अलावा उर्दू और हिंदी छोटी और बड़ी बहने हैं और इनमें आपस में कोई टकराव नहीं है।
सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

सबसे सुरक्षित और सच्चा धर्मनिरपेक्ष देश है भारत : तस्लीमा

मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने साफ कहा है कि भारत उनका घर है और उनके पास अपना शेष जीवन निर्वासन में बिताने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
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