चाइना प्रोडक्ट डाउन-डाउन के कितने भी नारे लगा लो, लेकिन यह सच है कि हिंदी फिल्मों के लिए चीन नया बाजार बन कर उभरा है। दंगल की सफलता ने इसे साबित भी कर दिया है।
अनीस बज्मी को कनफ्यूजन से बड़ा प्यार है। उनकी नई फिल्म मुबारकां का आधार भी यही है। फिल्म के पात्र शुरुआत में कुछ नहीं बोलते लेकिन आखरी के दस मिनट में सभी को कॉन्फिडेंस आ जाता है और सब कुछ ठीक हो जाता है।