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Search Result : "मनसुख मंडाविया की कहानी"

कहानी - फिर भी यह मन

कहानी - फिर भी यह मन

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की रुद्रपुर तहसील के एक गांव सिलहटा में जन्म। बी.ए. तक की पढ़ाई गांव और गोरखपुर में। जवाहर लाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से हिन्दी साहित्य में एम.ए., एम.फिल और पी-एच.डी.। इन दिनों हालचाल, अनभै कथा, असुंदर सुंदर, बिल्कुल तुम्हारी तरह, कायांतरण कविता संग्रह। हिंदी के साथ-साथ भोजपुरी में भी लेखन। कुछ कविताएं अंग्रेजी, मराठी, उर्दू, उड़िया और पंजाबी में अनूदित। लंबी कविता सोनचिरई की कई नाट्य प्रस्तुतियां। आलोचना पर पुस्तकें - भारतीय समाज, राष्ट्रवाद और प्रेमचंद, शब्दों में समय, आलोचना का मानुष-मर्म, सर्जक का स्वप्न, विचारधारा, नए विमर्ष और समकालीन कविता, उपन्यास की परिधि। प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘उम्मीद’ का संपादन। कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल सम्मान और आलोचना के लिए देवीशंकर अवस्थी सम्मान सहित हिंदी अकादमी दिल्ली का ‘कृति सम्मान’, उ.प्र. हिंदी संस्थान का ‘रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार’, उ. प्र. हिंदी संस्थान का ‘विजयदेव नारायण साही पुरस्कार’, भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का युवा पुरस्कार, डॉ. रामविलास शर्मा आलोचना सम्मान और परंपरा ऋतुराज सम्मान।
रंगीले ‘राजा’ की देश छोड़कर भागने की क्या है कहानी

रंगीले ‘राजा’ की देश छोड़कर भागने की क्या है कहानी

देश के सत्रह बैकों का 7 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुकाए बिना यूनाइटेड ब्रेवरिज ग्रुप के चेयरमैन विजय माल्या देश छोडक़र ब्रिटेन चले गए हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब सुप्रीम कोर्ट में सरकारी बैंकों के कंसोर्शियम की अर्जी पर सुनवाई हो रही थी। उसी दौरान सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने बताया कि माल्या दो मार्च को ही भारत छोड़ चुके हैं जबकि बैंकों की ओर से यह अर्जी दी गई थी कि माल्य का पासपोर्ट जब्त किया जाए और देश छोडऩे की इजाजत न मिले। इस बात को लेकर कोर्ट ने बैंकों से कहा कि वो माल्या को नोटिस भेज सकते हैं और उनके भारत आने के लिए कह सकते हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को निर्धारित की है। इसके अलावा माल्या के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉड्रिंग की जांच भी शुरू कर दी है।
कहानी - दूर है किनारा

कहानी - दूर है किनारा

अंजू शर्मा मूलतः कवयित्री हैं। उनकी कविताएं आसपास की घटनाओं और जीवन के अनुभवों से गुजर कर शब्दों का चोला पहनती हैं। उनकी कविता चालीस साला औरतें पिछले दिनों बहुत चर्चितं रही थी। हाल ही कहानी लिखना शुरू करने वाली अंजू की कहानियों ने अलग मुकाम बना लिया है। सभी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां प्रकाशित।
कहानी - सुरक्षा

कहानी - सुरक्षा

“एम. ए.। प्राचीन इतिहास में पीएच.डी। कहानी-कविता के साथ-साथ यात्रा वृत्तां पर भी पुस्तक। धूप का गुलाब और चबूतरे का सच नाम से कहानी संग्रह। बादल को घिरते देखा है यात्रा वृत्तांत और तख्त बनने लगा आकाश नाम से कविता संग्रह प्रकाशित। साथ में खिले हैं शब्द नाम से एक हाइकू संग्रह। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का मुंशी प्रेमचंद पुरस्कार।”
मनीष वैद्य की कहानी - गों...गों...गों

मनीष वैद्य की कहानी - गों...गों...गों

मध्य प्रदेश के देवास जिले में निवास। युवा पीढ़ी के समर्थ कहानीकार। कुशल वक्ता। मनीष की कहानियों में समाज की विडंबनाओं को लेखा-जोखा बखूबी दिखता है। परिवार और रिश्तों की कहानियों की बुनावट इतनी सघन होती है कि इस बारीकी में भी रिश्तों के नुकीले कोने चुभते से महसूस होते हैं।
गांधी-गोडसे – पुण्यतिथि और पुस्तक

गांधी-गोडसे – पुण्यतिथि और पुस्तक

कल राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी के दिन उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे पर आधारित पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम का नवगठित गोवा फॉरवर्ड पार्टी ने विरोध किया है।
रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र कालिया की कहानी - काला रजिस्टर

रवीन्द्र का की ख्याति एक उपन्यासकार, कहानीकार के अलावा बहुत अच्छे चुस्त संपादक के रूप में थी। उन्होंने एक पूरी साहित्य जगत में एक पूरी पीढ़ी खड़ी की। भारतीय ज्ञापनीठ की पत्रिका नया ज्ञानोदय के अलावा वह भारतीय भाषा परिषद की पत्रिका वागर्थ के भी संपादक रहे। 11 नवंबर 1939 को जालंधर में जन्में रवीन्द्र कालिया ने धर्मयुग से अपनी पारी शुरू की थी। उनकी कई कहानियां चर्चित हैं। नौ साल छोटी बीवी, खोटे सिक्के, त्रास ऐसी कहानियां हैं जो पाठकों के दिलो-दिमाग पर हमेशा छाई रहेंगी। पिछले दिनों लंबी बीमारी के बाद इस यशस्वी संपादक ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

रामदरश मिश्र की कहानी - साढ़ेसाती

सन 1951 में पहला काव्य संग्रह पथ के गीत का प्रकाशन। तब से निरंतर रचना कर्म में सक्रीय। आग की हंसी के लिए सन 2015 का साहित्य अकादमी सम्मान। कविता, उपन्यास, कहानी, ललित निबंध, आत्मकथा, आलोचना, यात्रावृत्तांत, डायरी, समीक्षा, संस्मरण आदि सभी विधाओं में लेखन। दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान, शलाका सम्मान, महापंडित राहुल सांकृत्यायन सम्मान, व्यास सम्मान सहित कई पुरस्कार एवं सम्मान।
मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मनोज कुलकर्णी की कहानी - औघड़ समय

मूलतः चित्रकार। अनेक चित्र-प्रदर्शनियों में कला-कृतियां चयनित, प्रदर्शित। प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कविताएं, रेखांकन, समीक्षाएं और कला-लेख प्रकाशित। एक कहानी-संग्रह के अलावा ‘जन-वाचन’ आंदोलन के लिए लिखी कुछ पुस्तकें प्रकाशित। जनवादी लेखक संघ की पत्रिका ‘नया-पथ’ के चित्रकला-विषेषांक के अलावा भारत ज्ञान विज्ञान समिति के लिए ‘ज्ञान विज्ञान वार्ता’ के कुछ अंकों और एक बाल पुस्तक माला का संपादन। बच्चों की किताबों के लिए रचनात्मक रेखांकन। कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों और पुस्तिकाओं के अनुवाद प्रकाशित। सांस्कृतिक और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव। घुमक्कड़ी और फोटोग्राफी में गहरी दिलचस्पी।
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