रेप केस में बीस साल की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम की फरार मुंहबोली बेटी हनीप्रीत का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुलिस को आशंका है कि जांच से बचने के लिए हनीप्रीत भागकर नेपाल भी जा सकती है।
एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव कुशाल दास ने टीम को इस उपलब्धि पर बधाई दी है। पटेल ने कहा, "सभी खिलाड़ियों और स्टाफ को बधाई। जिस तरह से लड़कों ने खेल दिखाया है वह साफ संकेत है कि युवा विकास कार्यक्रम कैसे उनके खेल में निखार ला सकता है।"
नेपाल में 28 जून को निगम चुनावों के चलते भारत नेपाल की सीमाएं 48 घंटे पहले सील कर दी गई हैं ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा में कोई असामाजिक तत्व प्रवेश कर माहौल न बिगाड़ पाए।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस्तीफा दे दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने नेपाली मीडिया के हवाले से यह खबर दी है। नेपाली कांग्रेस के प्रमुख शेर बहादुर देउबा नेपाली के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मध्य प्रदेश के रहने वाले दवे 60 वर्ष के थे। संघ से जुड़े दवे को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
काम के प्रति समर्पण और सादा जीवन अनिल माधव दवे की खासियत रही है। पर्यावरण संरक्षण में उन्होंने अपना सबकुछ अर्पित कर दिया था। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में जगह देकर उन्हेंने पर्यावरण को और बेहतर करने का जिम्मा दिया था। दवे ने मां नर्मदा की काफी सेवा की। नर्मदा के संरक्षण में उनकी उल्लेेखनीय भूमिका, उनके सामाजिक सरोकार की व्यांख्या करती है। मुस्कान के साथ सरल छवि वाले दवे पूरी तरह से कर्मयोगी थे।
अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।
अनिल माधव दवे, एक शौकिया पायलट, लेखक, पर्यावरणविद, नदी संरक्षणवादी, एक सांसद, पर्यावरण मंत्री और विभिन्न भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते रहे हैं। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। पर्यावरणविद अनिल माधव दवे का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर गांव में 6 जुलाई 1956 को हुआ था।