देश के विभिन्न हिस्सों में एक ओर जहां कर्ज माफी को लेकर किसान आंदोलित हो रहे हैं, तो वहीं इसी बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र इस मुद्दे पर किसानों की कोई मदद नहीं करेगा। रविवार को महाराष्ट्र सरकार ने किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। वहीं, मध्यन प्रदेश में भी किसान अपनी तमाम मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
जेएनयू में एमफिल और पीएचडी की सीटें घटाने के विवाद पर मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अपनी दलीलें हैं लेकिन वह कहते हैं कि उनके लिए देश में उच्च शिक्षा और शोध को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता है।
मानव तस्करी मामलों में गत वर्ष पश्चिम बंगाल सबसे आगे रहा, वहीं दूसरे नंबर पर राजस्थान का नाम सामने आया है। करीब 61 फीसदी मानव तस्करी के मामले इन दोनों राज्यों से हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दिल्ली में सर्व शिक्षा अभियान के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल ‘शगुन’ का शुभारंभ किया। ‘शगुन’ का लक्ष्य प्रमुख योजना ‘सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए’) की सतत निगरानी के जरिए भारत में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और प्रगति को दर्शाना है।
बड़े काॅरपोरेट घरानों और अमीर लोगों की मदद करने के राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार गरीबों के लिए काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर यह भी कहा कि नोटबंदी से एक ही झटके में काला धन, आतंकवादियों को मिलने वाले पैसे और मानव एवं ड्रग्स तस्करी पर चोट पड़ी है।
संयुक्त राष्ट्र के निवर्तमान :निवर्तमान: महासचिव बान की मून ने सभी देशों का आवान कर कहा है कि वह मानव तस्करी के मामलों की जांच करें और उन पर अभियोग चलाएं। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे लोगों में सर्वाधिक संवेदनशील और पीडि़त महिलाएं, बच्चे और शरणार्थी हैं।
मानव पूंजी न केवल संगठन बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए मूल्यवर्धन का साधन बनती है। कॉर्न फेरी के आर्थिक विश्लेषण के अनुसार श्रम बल में प्रत्येक एक डॉलर के निवेश से सकल घरेलू उत्पाद में 11.39 डॉलर जुड़ते हैं।
भारतीय जनता पार्टी हमेशा यह दावा करती है कि उसके शासित राज्यों में शासन व्यवस्था बहुत अच्छी है मगर यह दावा कम से कम मध्य प्रदेश के पैमाने पर खरा नहीं उतरता। मध्य प्रदेश के करीब 5 हजार सरकारी स्कूल आज भी ऐसे हैं, जहां छात्र तो हैं मगर शिक्षक नहीं हैं।
मध्यप्रदेश में मानव एवं जंगली जानवरों के बीच बढ़ी संघर्ष की घटनाओं के कारण पिछले पांच साल में करीब 260 लोगों न अपनी जान गंवाई है, तो घायलों की संख्या 10,955 बताई गई है।