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बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

बाबरी मस्जिद मामले में पद्म विभूषण आडवाणी को नोटिस

पूर्व प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किये जाने के दूसरे ही दिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बाबरी मस्जिद विंध्वंस की साजिश रचने के मामले में नोटिस भेजा है। इस मामले में आडवाणी के अलावा 19 और लोगों को नोटिस भेजा गया है।
पाकिस्तान में फांसी राज

पाकिस्तान में फांसी राज

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के अलग-अलग जेलों में आज तड़के दी गई चार फांसियों के साथ पिछले तीन महीने में फांसी पर लटकाए जाने वालों की संख्या 52 हो चुकी है और अगले एक हफ्ते में 40 और लोगों को फांसी दी जानी है। कल और परसों देश भर के विभिन्न जेलों में क्रमशः 9 और 12 सज़ायाफ्ता कैदियों को फांसी दी गई थी। इस तरह ताबड़तोड़ दी जा रही फांसियों के मद्देनज़र वहां के मीडिया, सामाजिक कार्यकताओं और आम लोगों के बीच कई तरह के सवाल उठने लगे है।
मुंबई को बेचा जा रहा है: राज ठाकरे

मुंबई को बेचा जा रहा है: राज ठाकरे

मुंबई नगर निकाय की नयी विकास योजना का कड़े शब्दों में विरोध करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने आज आरोप लगाया कि मुंबई का इंच-इंच बेचने का प्रयास किया जा रहा है और मराठी भाषी लोगों की कीमत पर विकास किया जा रहा है।
मोदी राज में मानवाधिकार उल्लंघन-एमनेस्टी

मोदी राज में मानवाधिकार उल्लंघन-एमनेस्टी

मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आज नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भारत में नये शासन में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ी है और भूमि अधिग्रहण अध्यादेश से हजारों भारतीयों के जबरन बेदखली का खतरा पैदा हो गया है।
बर्बर प्रदेश में कितनी उम्मीद

बर्बर प्रदेश में कितनी उम्मीद

राष्‍ट्र¬भाषा होने का दावा करने वाली हिंदी के मीडिया से तो इसी राष्‍ट्र का हिस्सा माना जाने वाला मणिपुर अमूमन गायब ही होता है और उत्तर पूर्व में असम अगर यदा-कदा चर्चा में आता भी है तो बिहारियों, झारखंडियों पर उग्रवादी हमले के कारण या अरूणाचल प्रदेश की चर्चा होती है तो चीनी दावेदारी के हंगामें के कारण। हिंदी के एक्टिविस्ट संपादक प्रभाष जोशी के निधन के बाद की चर्चा में यह प्रसंग जरूर आया कि वह 5 नवंबर को नागरिकों की एक टीम के साथ मणिपुर जाना चाहते थे लेकिन यह टीम मणिपुर की जिन उपरोक्त परिस्थितियों के बारे में एक तथ्यान्वेषण मिशन पर वहां जा रही थी उसका जिक्र ओझल ही रहा। और जिस ऐतिहासिक अवसर पर यह टीम मणिपुर जा रही थी उसका जिक्र तो भला कितना होता? यह ऐतिहासिक अवसर था 37 वर्षीय इरोम शर्मिला के आमरण अनशन के दसवें वर्ष में प्रवेश का। गांधी और नेल्सन मंडेला की जीवनी सिरहाने रखे बंदी परिस्थितियों में इंफाल के एक अस्पताल में अनशनरत अहिंसक वीरांगना के नाक में टयूब के जरिये जबरन तरल भोजन देकर सरकार जिंदा रखे हुए है। अपढ़ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पिता और अपढ़ माता की नौवीं संतान शर्मिला सन 2000 में असम राइफल्स के जवानों पर बागियों की बमबारी के जवाब में सशस्त्र बलों द्वारा एक बस स्टैंड पर 10 निर्दोष नागरिकों को भूने जाने की खबरें अखबारों में पढक़र और तस्वीरें देखकर तथा उन सुरक्षाकर्मियों को सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम के कारण सजा की कोई संभावना न जानकर इतना विचलित हुई कि उन्होंने इस तानाशाही कानून के खिलाफ आमरण अनशन का फैसला ले लिया।
राज न विचारे, न शर्म करे

राज न विचारे, न शर्म करे

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के अहम घटक शिवसेना के राजन विचारे सहित 11 सांसदों की आक्रामक भीड़ सत्ता के दंभ, अपने से निम्न वर्ग के प्रति हिकारत और सांप्रदायिक दुर्भाव से ग्रस्त होकर राजधानी दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में भोजन व्यवस्था के लिए नियुक्त रेलवे की खानपान सेवा आईआरसीटीसी के कर्मचारी अरशद जुबैर के मुंह में जबरदस्ती रोटी ठूंस कर बेवक्त उसका रोजा तोडऩे की नापाक करतूत को अंजाम देते हुए कैमरे की फुटेज में रंगे हाथों कैद हैं।
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