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Search Result : "मीणा समाज का झंडा"

सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

सौ करोड़ के पास पहुंची आधार नामांकनों की संख्या

देश में आधार नामांकन की संख्या कुछ ही दिनों में 100 करोड़ के आंकड़े को लांघ जाएगी। इस उपलब्धि से सरकार की उस योजना को बड़ा बल मिलने की उम्मीद है जिसके तहत वह विभिन्न सामाजिक योजनाओं का लाभ व सब्सिडी लाभान्वितों को सीधे पहुंचाना चाहती है।
महाराष्ट्रः पुलिसकर्मी की पिटाई, जबरन हाथ में भगवा झंडा थमाया

महाराष्ट्रः पुलिसकर्मी की पिटाई, जबरन हाथ में भगवा झंडा थमाया

महाराष्ट्र के लातूर में एक पुलिसकर्मी के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। गौरतलब है कि पुलिसकर्मी मुस्लिम है। इससे राज्य सरकार की परेशानी बढ़नी तय मानी जा रही है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने इस मामले पर सख्त रवैया अपनाया है।
कोझिकोड़ में बना देश का पहला जेंडर पार्क, राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन

कोझिकोड़ में बना देश का पहला जेंडर पार्क, राष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 27 फरवरी को कोझीकोड़ में भारत के पहले लिंग समानता आधारित केन्द्र जेंडर पार्क का उद्घाटन करेंगे।
मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

मिले-जुले समाज से पाकिस्तान महरूम है-इंतिजार हुसैन

पाकिस्तान के प्रसिद्ध कहानीकार इंतिजार हुसैन ने 2 फरवरी 2016 को इस संसार से विदा ले ली। भारत में पैदा हुए इंतिजार की शिक्षा पहले हापुड़ फिर मेरठ कॉलेज से हुई थी। सन 2012 में सआदत हसन मंटो की जन्मशताब्दी वर्ष के मौके पर पाकिस्तान के नामी अफसानानिगार इंतिजार हुसैन भारत आए थे। विभाजन के बाद वह परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन उनकी रूह भारत में ही रहती थी। उनकी कहानियों में अलग तरह का दर्शन था। बस्ती, हिंदुस्तान से आखिरी खत उनकी लोकप्रिय कृतियों में से है। तब उन्होंने आउटलुक से ढेर सी बात की थी। उनके साक्षात्कार में उन्होंन बताया था भारत और भारतीयता की समझ को। उनका भारत में दिया गया अंतिम साक्षात्कार
पुलिस बर्बरता: जंग ने पुलिस को दिया जांच का आदेश

पुलिस बर्बरता: जंग ने पुलिस को दिया जांच का आदेश

आरएसएस मुख्यालय के बाहर छात्रों के एक समूह पर पुलिसिया बर्बरता को लेकर समाज के विभिन्न तबके के लोगों के बीच व्याप्त क्षोभ के बीच उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के तलब कर घटना की जांच तत्परता से करने का आदेश दिया। वहीं दिल्ली पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी अपनी टीम का बचाते नजर आए।
समाज सुधार के काम को आगे बढ़ाती हैं खाप पंचायतें: सीएम खट्टर

समाज सुधार के काम को आगे बढ़ाती हैं खाप पंचायतें: सीएम खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि खाप पंचायतें समाज की उपयोगी संस्थाएं हैं जो समाज सुधार के काम को आगे बढ़ाती हैं। एकाध गलती के कारण खाप पंचायतों को पूरी तरह गलत नहीं ठहराया जा सकता। खट्टर ने कहा कि खाप पंचायतों का अपना मजबूत आधार है और उन पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

सुपर-30 की सफलता पर जल्द ही आएगी किताब

समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 30 विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में प्रतिवर्ष भेजने वाले सुपर-30 की सफलता की कहानी जल्द ही एक किताब के रूप में प्रकाशित होकर लोगों के सामने आएगी। भारतीय मूल के डॉक्टर और मनोचिकित्सक डॉ. बीजू मेथ्यू सुपर-30 की सफलता पर करीब 250 पन्नों और छह से सात अध्याय वाली एक किताब लिख रहे हैं, जो कि लगभग दो से तीन माह में बिक्री के लिए बाजार में आ जाएगी। इसे पेन्गुइन बुक्स और रेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया जाएगा।
अंबेडकर होते तो उन्हें भी पार्टी से निकाल देतीं मायावती: शिवपाल

अंबेडकर होते तो उन्हें भी पार्टी से निकाल देतीं मायावती: शिवपाल

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती पर निशाना साधते हुए उन पर डॉक्टर अंबेडकर के मिशन को कमजोर करने का आरोप लगाया। शिवपाल ने कहा कि अगर बाबा साहब इस वक्त होते तो बसपा मुखिया उन्हें भी पार्टी से निकाल देतीं।
लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते: मायावती

लोहिया जिंदा होते तो मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर अपने आदर्श राम मनोहर लोहिया के सिद्धांतों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि लोहिया जिंदा होते तो सपा मुखिया मुलायम को समाजवादियों की सूची से निकाल देते।
समाज में आलोचना व सवाल उठाने के प्रति असहिष्‍णुता: उप राष्ट्रपति

समाज में आलोचना व सवाल उठाने के प्रति असहिष्‍णुता: उप राष्ट्रपति

देश में असहिष्‍णुता पर जारी बहस के बीच उप राष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि समाज में आलोचना और सवाल उठाए जाने के प्रति असहिष्‍णुता है जिसकी वजह अवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों पर आधारित अतार्किक आस्‍था और मत हैं। उन्‍होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के अभाव में ही अक्‍सर असहमति जाहिर करने वाले व्‍यक्ति के बहिष्‍कार या उसकी हत्‍या कर दिए जाने या फिर किताबों पर प्रतिबंध जैसी घटनाएं सामने आती हैं।
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