चीन अब समुद्र में भी विश्व की महाशक्ति बनना चहाता है। इसके लिए वो बड़े पैमाने पर अपनी नौसेनिक क्षमता को बढ़ा रहा है। अब उसने नई पीढ़ी के 10 हजार टन वजनी विध्वंशक युद्धपोत का निर्माण शुरू किया है। घरेलू डिजाइन पर आधारित यह युद्धपोत शंघाई के जियांगन शिपयार्ड समूह में बनाया जा रहा है।
अत्याधुनिक मिसाइलों से लैस और स्वदेश में निर्मित युद्धपोत का आज जलावतरण करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि रडार की नजर से बच निकलने में सक्षम इस विध्वंसक युद्धपोत की तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ जंगी जहाजों से की जा सकती है। परियोजना 15बी के तहत विशाखापत्तनम वर्ग के जहाज मोरमुगाओ का निर्माण सरकारी मझगांव डाॅक शिपयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) ने किया है।
चीन ने आज कहा कि उसने अमेरिकी राजदूत को तलब कर ताइवान को हथियार बेचे जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। ताइवान को अमेरिका द्वारा 1.83 खरब डॉलर के हथियारों की बिक्री, खासतौर से दो युद्धपातों की बिक्री किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए चीन ने कहा कि इन नए समीकरणों को देखते हुए वह ऐसे व्यापार में लगी अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगा।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज नौसेना के युद्धपोत आईएनएस कोच्चि का जलावतरण किया और कहा कि नौसेना ने अगले 15 साल के लिए स्वेदशी योजना का खाका तैयार किया है।