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Search Result : "योग सेंटर"

योग व संस्कृति पाठ्यक्रम के प्रस्ताव को जेएनयू ने ठुकराया

योग व संस्कृति पाठ्यक्रम के प्रस्ताव को जेएनयू ने ठुकराया

भारतीय संस्कृति और योग में लघु-अवधि पाठ्यक्रम शुरू करने के एक प्रस्ताव को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद ने खारिज कर दिया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ संवाद के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन इस प्रस्ताव के साथ आगे आया था।
नए अंदाज में आगाज

नए अंदाज में आगाज

सफलता नए विचारों से इतर भी कई चीजों में निहित है। कुछ सफल उद्यमियों का सफर आैर अनुभव पेश है
सैप सेंटर में मोदी, आतंकवाद व यूएन के रवैये पर तीखा वार

सैप सेंटर में मोदी, आतंकवाद व यूएन के रवैये पर तीखा वार

अमेरिका यात्रा के आखिरी चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैलिफोर्निया के सैप सेंटर में भारतीय समुदाय के करीब 18 हजार लोगों को संबोधित किया। इस मौके पर उन्‍होंने सरकार की उपलब्धियां गिनाने के अलावा आतंकवाद पर भी करारा प्रहार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार को सत्ता में आए 16 महीने हुए हैं और भारत के बारे में दुनिया की सोच में जबर्दस्त बदलाव आया है। हमने इतना विकास किया है कि हर दिन दो-दो घंटे बोलूं, तब भी 15 दिन लग जाएंगे। दुनिया मानने लगी है कि 21वी सदी भारत की होगी। उन्हें विश्वास है कि भारत को सफलता प्राप्त होगी क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है।
योग को खेल घोषित करने की तैयारी, मिलेगा भर्तियों का लाभ

योग को खेल घोषित करने की तैयारी, मिलेगा भर्तियों का लाभ

केंद्र सरकार खेल कोटे के तहत भर्ती प्रक्रिया की नए सिरे से समीक्षा करेगी। योग को खेलों की सूची में शामिल करने पर भी विचार किया जा रहा है।
कोका-कोला पर जल संकट पैदा के आरोप, नार्वे से आई रिपोर्ट

कोका-कोला पर जल संकट पैदा के आरोप, नार्वे से आई रिपोर्ट

दुनिया की जानी-मानी बेवरेज कंपी कोका-कोला पर भारत में जल संसाधनों के दुरुपयोग के आराेप लगे हैं। नार्वे की एक संस्‍था ने अपनी रिपोर्ट में कोका-कोला द्वारा भारत में की जा रही जल संसाधनों की बर्बादी का खुलासा किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर नार्वे के सरकारी पेंशन फंड पर कोका-कोला से निवेश वापस खींचने की मांग की जा रही है।
लंदन में ओपी नैय्यर के तराने

लंदन में ओपी नैय्यर के तराने

लंदन के नेहरू सेंटर में ओपी नैय्यर के गीतों से सजी शाम का आयोजन हुआ। कुल 140 सीटों वाले नेहरू सेंटर में 170 लोगों ने अर्पण कुमार और मीतल के मार्फत मुहम्मद रफी और आशा भोंसले की आवाजों को सुना। की-बोर्ड पर सुनील जाधव थे तो तबले पर केवल। गीतों से भरी इस शाम में कई लोग दूर-दूर से आए थे।
आत्मा के योग से राजबल के योग तक

आत्मा के योग से राजबल के योग तक

आंगन के पार पूरब में कमरे थे, कमरों के पार दालान। दालान के पार रास्ता था, रास्ते के पार आंवला, कनेर और बेल के पेड़ थे, फिर मेड़ की आड़। आड़ के पार पोखर था जिसके जल में आसमान में उगता गोल और सुर्ख सूरज टलमल करता था। पोखर के पार दादा जी (छोटे बाबा) की कुटी थी जिसमें एक कमरे के ऊपर उजियार कमरा था और नीचे अंधेरा तहखाना। कुटी के पार आमों के बाग थे, बाग के पार दूर तक खेत-सरेह। दूर सरेह के पार बडक़ी नहर की आड़ दिखती थी। लेकिन इस सुदूर विस्तार में हजारों, सैकड़ों या बीसियों तक क्या, इक्का-दुक्का भी समवेत योग नहीं होता था।
प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवईः जनपक्षधर पत्रकारिता की मिसाल

प्रफुल्ल बिदवई विलक्षण प्रतिभा के धनी पत्रकार, प्रवक्ता, बुद्धिजीवी और कार्यकर्ता थे। उनका अकस्मात हमारे बीच से चले जाना जनतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और शांति आंदोलनों के लिए एक बड़ा झटका है। आज के विपरीत समय में अपनी बेबाक शैली, सुव्यवस्थित विश्लेषण और दुस्साहस के स्तर तक जोखिम उठाने की क्षमता के चलते वे अनेक युवा और आदर्शवादी पत्रकारों के प्रेरणास्रोत रहे। उनकी वैज्ञानिक और संपूर्ण दृष्टि तथा ऐतिहासिक बोध, उनकी विश्लेषण क्षमता का मूल मंत्र रहा। इसी ने उन्हें हमेशा खास बनाए रखा और जीवनभर उनकी लेखनी की चमक यूं ही बनी रही।
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