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रघुराम राजन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता : अरुण शौरी

रघुराम राजन को दोषी नहीं ठहराया जा सकता : अरुण शौरी

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने बुधवार को कहा कि ब्याज दर ऊंची रखने समेत विभिन्न गड़बडि़यों के लिए रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन शौरी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह भारत में मौद्रिक नीति के सामने मुद्रास्फीति को दबाने का लक्ष्य रखने के खिलाफ हैं।
राजन ने वित्तीय प्रणाली में लगाया टाइम बम, दिसंबर में फटेगा: स्वामी

राजन ने वित्तीय प्रणाली में लगाया टाइम बम, दिसंबर में फटेगा: स्वामी

भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन पर फिर से हमला बोलते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पूर्व अर्थशास्त्री ने भारतीय वित्तीय प्रणाली में एक टाइम बम लगा दिया है, जो दिसंबर में फटेगा।
मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

मौद्रिक नीति समीक्षा : ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं, महंगाई बढ़ने के संकेत

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को कयासों के अनुकूल मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा पेश करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। रेपो रेट बिना बदलाव के 6.50 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी बरकरार रहेगी। आरबीआई ने सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया है और ये 4 फीसदी पर कायम है। एमएसएफ यानी मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी दर भी 7 फीसदी पर बरकरार है।
मौद्रिक नीति की समीक्षा कल, मानसून की थाह के बीच क्या घटेंगी ब्याज दरें

मौद्रिक नीति की समीक्षा कल, मानसून की थाह के बीच क्या घटेंगी ब्याज दरें

खुदरा महंगाई बढ़ने के संकेतों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन मंगलवार को द्वैमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा में नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रख सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार रिजर्व बैंक ब्याज दर में कटौती की दिशा में कोई अगला कदम बढ़ाने से पहले मानसून की प्रगति का थाह लेना चाहेगा। मानसूनी वर्षा की शुरूआत में इस साल देर हो रही है पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों ने वर्षा सामान्य या उससे ऊपर रहने का अनुमान लगाया है।
राजन पर हिंदुत्‍व खेमेे की चुप्‍पी, दूसरे कार्यकाल के लिए क्‍या बात बन जाएगी

राजन पर हिंदुत्‍व खेमेे की चुप्‍पी, दूसरे कार्यकाल के लिए क्‍या बात बन जाएगी

रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं दिए जाने का भाजपा के नेता और राज्यसभा के सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने पुरजोर विरोध किया है, बावजूूद इसके अभी तक देश का हिंदुत्‍व खेमे इस मामले में चुप्‍पी साधे हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए राजन का मामला काफी कठिन हो सकता है।
राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

राजन के सेवा विस्तार मुद्दे पर ऑनलाइन चर्चा भी गर्म

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर रघुराम राजन के सेवा विस्तार पर राजनीतिक और उद्योग जगत में जारी चर्चा के बीच अब यह मामला इंटरनेट पर भी मामला गरमा गया है। इस समय सोशल मीडिया में कम से कम सात ऑनलाइन अपीलें राजन के विस्तार के समर्थन में घूम रही हैं। इन अपीलों पर अब तक 60,000 से अधिक हस्ताक्षर हो चुके हैं।
सीआईआई ने राजन को दूसरे कार्यकाल का समर्थन किया

सीआईआई ने राजन को दूसरे कार्यकाल का समर्थन किया

भाजपा के एक वर्ग द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन पर लगातार हमलों के बीच प्रमुख उद्योग मंडल सीआईआई ने राजन का समर्थन करते हुए उन्हें केंद्रीय बैंक में दूसरा कार्यकाल दिए जाने का समर्थन किया है। सीआईआई का कहना है कि राजन ने देश के लिए महत्ती कार्य किया है और उन पर व्यक्तिगत हमले प्रतिष्ठा के खिलाफ हैं।
लता और सचिन का उड़ाया मजाक, एमएनएस ने की शिकायत

लता और सचिन का उड़ाया मजाक, एमएनएस ने की शिकायत

भारत रत्‍न लता मंगेशकर और रिकार्ड धारी बल्‍लेबाज सचिन तेंदुलकर का मजाक उड़ाने पर महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना ने एआईबी कॉमेडियन तन्‍मय भट्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। जिसकी जांच की जा रही है। इधर अनुपम खेर और रितेश देशमुख जैसे कई कलाकारों ने इस तरह के मजाक की कड़ी आलोचना की है।
राजन के समर्थन में चिदंबरम बोले, क्या उनके लायक है मोदी सरकार

राजन के समर्थन में चिदंबरम बोले, क्या उनके लायक है मोदी सरकार

पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को दुनिया के सबसे बेहतर अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देखने वाली महत्वपूर्ण बात तो यह है कि क्या मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक है।
चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

चर्चाः शाह की चुप्पी की सलाह कितनी जायज

ताकत मौन में या मीडिया के पास? मीडिया कहां चुप रहे, कहां मुंह खोले और कहां ध्यान दे? सत्ता में आने के बाद अधिकांश राजनेता मीडिया को नई राह दिखाने की कोशिश करते हैं। पत्रकारिता की ‘लक्ष्मण रेखा’ पार करने वाले एक वर्ग के कारण मीडिया को घेरने की गुंजाइश बनती है।
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