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'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

डोगरी की विख्यात साहित्यकार पद्मा सचदेव की आत्मकथा चित्त चेते को 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। साल 2005 से 2014 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद चयन परिषद् ने सचदेव की आत्मकथा को प्रतिष्ठित सरस्वति सम्मान के लिए चुना।
नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शरद करते रहेंगे मार्गदर्शन

नीतीश बने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष, शरद करते रहेंगे मार्गदर्शन

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज जदयू के नए अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इस पहल के जरिये कुमार का पार्टी पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित हो गया है और बिहार से बाहर पार्टी के प्रसार की कोशिशों और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाई जाएगी अंबेडकर जयंती

संयुक्त राष्ट्र में पहली बार मनाई जाएगी अंबेडकर जयंती

संयुक्त राष्ट्र में पहली बार भारतीय संविधान के रचयिता और दलित अधिकार कार्यकर्ता बी आर अंबेडकर की जयंती मनाई जाएगी जिसमें सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए असमानताओं से लड़ने पर ध्यान दिया जाएगा।
मुंबई हमले के बाद हेडली के घर गए थे पाकिस्तानी पीएम गिलानी

मुंबई हमले के बाद हेडली के घर गए थे पाकिस्तानी पीएम गिलानी

एक सनसनीखेज खुलासे में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी डेविड कोलमेन हेडली ने आज मुंबई की एक अदालत को बताया कि मुंबई पर 26/11 आतंकी हमलों के कुछ सप्ताह बाद ही पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी उसके घर आए थे।
2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

2015 का व्यास सम्मान सुनीता जैन को

प्रख्यात लेखिका डॉक्टर सुनीता जैन के काव्य संग्रह क्षमा को साल 2015 के प्रतिष्ठित व्यास सम्मान के लिए चुना गया है। उनके इस कविता संग्रह का प्रकाशन साल 2008 में हुआ था।
अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिकी विश्वविद्यालय ने हिन्दू अध्ययन केन्द्र के लिए मिली अनुदान राशि लौटाई

अमेरिका के एक शीर्ष विश्वविद्यालय ने संकाय सदस्यों और छात्रों द्वारा अनुदानकर्ताओं पर चरमपंथी विचारधारा का होने और दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रेरित होने का आरोप लगाए जाने के बाद हिन्दू और भारत अध्ययन केन्द्र बनाने के लिए मिली 30 लाख डॉलर की अनुदान राशि वापस कर दी है।
फिर जी उठे बैजू बावरा

फिर जी उठे बैजू बावरा

11वीं सदी के भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक शहर चंदेरी, जो बुंदेलों और मालवा के शासकों द्वारा बनवाया गया। ऐतिहासिक इमारतों और गुप्त, प्रतिहार, गुलाम, तुगलक, खिलजी, अफगान, गौरी, राजपूत और सिंधिया वंश द्वारा शासित रहा चंदेरी अब खास रेशमी के कपड़ों के लिए भी जाना जाता है। इससे इतर अपने कलात्मक इतिहास के कारण चंदेरी कभी सांस्कृतिक नगरी के रूप में भी जाना जाता था।
ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

ये बच्चे बदललेंगे कल की तस्वीर

दिल्ली का इंडिया हैबिटैट सेंटर में रोज की तरह गहमा गहमी है। यहीं के एक हॉल में बिहार के अलग-अलग जिले से कुछ बच्चे आए हुए हैं, जोश और आत्मविश्वास से भरे हुए। अपनी बात कहने के लिए तत्पर।
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