नेपाल में संविधान निर्माण की प्रक्रिया अब तक अधर में लटकी है। इस बीच सत्ताधारी कांग्रेस-एमाले गठबंधन और यूसीपीएन माओवादी के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं।
गिरिलाल जैन के सुस्त युग के ठीक पहले शुरू होने वाले और अर्णब के स्वच्छंद युग में समाप्त होने वाले अपने कॅरियर में विनोद मेहता ने उल्लेखनीय कामयाबी पाई वह भारत की अंग्रेजी पत्रकारिता को एक हलकापन देने के साथ-साथ उसमें गंभीरता भी लाए।
बिहार में मचे राजनीतिक घमासान के बीच राष्ट्रीय जनतांंत्रिक गठबंधन में एक और नए सियासी दल के जुड़ने की संभावनाएं नजर आने लगी हैं। अगर सूत्रों की बात पर भरोसा किया जाए तो मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ इस नए दल के खेवनहार हो सकते हैं राष्ट्रीय जनता दल के सांसद पप्पू यादव।
दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अवाम नाम के एक संगठन ने आम आदमी पार्टी पर फर्जी कंपनियों से चंदा लेने का आरोप लगाया है। इस मामले में बीजेपी ने आप को घेरने की कोशिश की है। आप ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक स्पेशल टास्ट फोर्स बना कर बीजेपी, कांग्रेस और आप के चंदे की जांच कराए।
छह साल से ज़्यादा वक़्त बीतने के बाद भी नेपाल में स्थाई संविधान बनने की सूरत नज़र नहीं आ रही है. बाईस जनवरी को संविधान निर्माण की तय समय सीमा के खत्म होने के बाद वहां राजनीतिक संकट और गहरा गया है। इसके दो दिन पहले मतभेद के चलते संसद में मारपीट तक की नौबत आ गई।
चाहे वह 2014 के लोकसभा चुनावों में आर्ट ऑफ लिविंग से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि पाए रविशंकर के अनुयायियों का भाजपा से चुनाव लडऩा हो या फिर हरियाणा विधानसभा चुनावों में गुरमीत राम रहीम सिंह का खुलकर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील हो। योग गुरु रामदेव का पहले अन्ना आंदोलन और फिर भाजपा से रिश्ता जगजाहिर है। पिछले लोकसभा चुनावों से लेकर विधानसभा चुनावों तक में उनकी राजनीतिक सक्रियता ने उनके लाखों अनुयाइयों को प्रभावित किया।