नोट की छपाई का तिलस्मी धंधा
बहुत कम लोग जानते हैं कि नब्बे के दशक में कांग्रेसी प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव के कार्यकाल में दुनिया की करंसी नोट छापने की मशीन बनाने वाली स्विटजरलैंड की एकाधिकार प्राप्त कंपनी डी लारू जियोरी ने चेतावनी दी कि भारत अपनी सिक्यूरिटी प्रिंटिंग प्रेसों के आधुनिकीकरण को दो हिस्सों में बांटकर जापान को न दें क्योंकि इससे इंडियन करंसी के जाली बनने की संभावना बढ़ जाएगी। जियोरी ने चेताया कि अमेरिकन डॉलर्स सबसे ज्यादा जाली बनते हैं। दूसरे विश्व युद्ध में जापान ने सबसे ज्यादा डॉलर जाली छापे थे।