Advertisement

Search Result : "राष्‍ट्रीय किशोर"

सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

कारगिल शहीद सौरभ कालिया मामले पर बदला सरकार का रुख। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा कि शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। केंद्र सरकार ने आज ही यह निर्णय लिया है। इससे पहले संसद में विदेश राज्‍यमंत्री वीके सिंह की ओर से दिए जवाब के हवाले से खबर आई थी कि सरकार इस मामले को अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में नहीं ले जाना चाहती है।
सीआईसी, सीवीसी प्रमुखों के नामों को मंजूरी

सीआईसी, सीवीसी प्रमुखों के नामों को मंजूरी

वरिष्ठतम सूचना आयुक्त विजय शर्मा को नया मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व सीबीडीटी प्रमुख केवी चौधरी को नया केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त नियुक्त किए जाने की संभावना है। सरकार और विपक्ष आज मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के नामों पर राजी हो गए। ये पद पिछले नौ महीने से भी ज्यादा समय से रिक्त पड़े हैं। जिसे लेकर सरकार की खूब आलोचना हो रही थी।
राष्‍ट्रपति के इंटरव्‍यू से बोफोर्स का जिक्र हटवाने की कोशिश

राष्‍ट्रपति के इंटरव्‍यू से बोफोर्स का जिक्र हटवाने की कोशिश

मना करने के बावजूद राष्‍ट्रपति के मुहं से अनायास निकली बात के प्रकाशन को लेकर भारत ने स्‍वीडिश दैनिक से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। स्‍वी‍डन में भारतीय राजदूत के जरिए बोफोर्स सौदे से जुड़ी बातों को छपने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अखबार ने इसे नजरअंदाज किया।
दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

मंगोलिया में मोदी कूटनीति की घुड़-परीक्षा

क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

कैबिनेट ने नमामी गंगे को योजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार की फ्लैगशिप योजना नमामि गंगे को मंजूरी दे दी गई। इस योजना के तहत गंगा नदी को समग्र तौर पर संरक्षित और स्‍वच्‍छ करने के कदम उठाए जाएंगे। इस पर अगले पांच साल में 20 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

किशोर न्याय संशोधन विधेयक पारित

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’
किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

किशोर न्याय विधेयक की बड़ी खामियां

हमारी सरकार यह कहकर जनता का समर्थन जुटा रही है कि नया किशोर न्याय विधेयक 16 से 18 साल के उन बच्चों के लिए है जो वयस्कों की तरह जघन्य अपराध को अंजाम देते हैं लेकिन इसमें उसी पहलू को नजरअंदाज कर दिया गया है जिसके लिए यह विधेयक बनाने का सुझाव दिया गया था।
राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में 'हैदर' और 'क्‍वीन' का जलवा

राष्‍ट्रीय फिल्‍म पुरस्‍कारों में 'हैदर' और 'क्‍वीन' का जलवा

विशाल भारद्वाज की फिल्‍म 'हैदर' ने छह राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार अपने नाम किए जबकि अदाकारा कंगना रनौत को फिल्म 'क्वीन' के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री का पुरस्‍कार मिला।
Advertisement
Advertisement
Advertisement