अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
पश्चिम बंगाल में मालदा में हुए हिंसा को लेकर प्रदेश भाजपा और संघ के प्रमुख नेताओं की दो दिवसीय बैठक कोलकाता में हो रही है। जिसमें मालदा में हुई हिंसा को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
महाराष्ट्र के जलगांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष रणनीतिकारों के अलावा संघ से जुड़े आनुषंगिक संगठनों की जब बैठक हो रही थी तो सभी की चिंता भारतीय जनता पार्टी के अंदर उभरे आंतरिक मतभेद को लेकर थी। लेकिन इन चिंताओं से बेखबर संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक ही शब्द सब पर भारी पड़ गया कि अपना काम करो चिंता मत करो।
दुनिया भर में अनिवासी भारतीयों की आबादी सर्वाधिक है। अंतरराष्ट्रीय प्रवासी चलन पर संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम सर्वे के अनुसार, वर्ष 2015 में करीब 1.6 करोड़ भारतीय अपने देश से बाहर रह रहे थे।
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे भाजपा नेता संजय जोशी ने सरकार के कामकाज की तारीफ क्या की पार्टी में उनका कद बढ़ गया है। पार्टी के अंदर इस बात की सुगबुगाहट तेज हो गई है कि अब जल्द ही जोशी को बड़ा जिम्मेदारी मिल सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बुधवार को अपने कार्यकाल का आखिरी 'स्टेट ऑफ द यूनियन' भाषण दिया। इस मौके पर उन्होंने इस्लामिक स्टेट और आतंकवाद को करार जवाब देने के दावे के साथ-साथ अपने कार्यकाल की नाकामी का जिक्र भी किया।
भाजपा के पूर्व महासचिव संजय जोशी के लखनऊ पहुंचते ही सरगर्मी तेज हो गई कि अगले साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में कोई महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है। हालांकि जोशी युवा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।
देश में असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच उप राष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि समाज में आलोचना और सवाल उठाए जाने के प्रति असहिष्णुता है जिसकी वजह अवैज्ञानिक पूर्वाग्रहों पर आधारित अतार्किक आस्था और मत हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सोच के अभाव में ही अक्सर असहमति जाहिर करने वाले व्यक्ति के बहिष्कार या उसकी हत्या कर दिए जाने या फिर किताबों पर प्रतिबंध जैसी घटनाएं सामने आती हैं।