भारत की आजादी का विभाजन त्रासदी का महाकाव्य है। इस पर अनगिनत फिल्में बनाई जा सकती हैं। इस फिल्म के इतने आयाम हैं कि विश्व का हर फिल्मकार भी उस त्रासदी पर फिल्म बनाए तो भी कहानी पूरी न हो।
दिल्ली में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किए जाने का मुद्दा आम आदमी पार्टी की सरकार के लिए गले की फांस बन गया है। एक ओर जहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बारे में दिल्ली सरकार द्वारा पारित करवाए गए विधेयक पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है वहीं आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है।
बॉलीवुड गायक सोनू निगम, सुखविंदर सिंह, सुनिधी चौहान समेत संगीत जगत की कई हस्तियों ने मुंबई में आयोजित एक समारोह मेंं सरबजीत सिंह को विशेष संगीतमय सम्मान दिया।
फिल्म मसान के लिए तारीफ बटोर चुकी रिचा चड्ढा का मानना है कि समाज में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी अब अभिनेताओं और कलाकारों के हाथ में है क्योंकि राजनीतिज्ञ ऐसा करने में बुरी तरह विफल रहे हैं।
मसान यानी श्मशान के इर्द-गिर्द भी प्रेम पनपता है। जलती चिता से उठती चिंगारियां दिल की कोमलता को नहीं झुलसा पातीं। नीरज घायवन ने कम संसाधनों में एक बढ़िया फिल्म रच दी है। दो कहानियां अतंतः एक ही मंजिल को पहुंचती हैं, त्रासदी।