मतदाता जागरूकता के लिए चुनाव आयोग के तमाम प्रयासों के बावजूद लखनऊ मध्य सीट से वोटर नंबर141 इस बार भी अपना मत नहीं डाल पाएंगे। यह वोटर और कोई नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी हैं।
भाजपा के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके प्रधानमंत्रित्व काल के कई भाजपा नेता वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी के राजनीतिक कॅरिअर को समाप्त करने के पक्षधर थे। इन नेताओं में वाजपेयी कैबिनेट के ताकतवर मंत्री प्रमोद महाजन भी शामिल थे। यह दावा भाजपा के पूर्व सांसद प्रफुल्ल गोरादिया की किताब में किया गया है।
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर ने आज एमजीपी नेता और राज्य के परिवहन मंत्री सुदीन धवलीकर के हालिया बयान को लेकर उनकी आलोचना करते हुए कहा कि नाखुश लोग अलग होने के लिए स्वतंत्र हैं। उनके इस बयान से भाजपा-एमजीपी गठबंधन के बीच का गतिरोध और बढ़ता दिख रहा है।
अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।
देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।