लोकायुक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति संबंधी मामले में दाखिल याचिका पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हमें अंधेरे में रखा।
उच्चतम न्यायालय ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी का और विनिवेश करने से सरकार को मंगलवार को रोक दिया। इस संस्थान का प्रबंधन वेदांता की सहायक कंपनी के पास है।
सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में पोंगल पर्व के दौरान सांडों को काबू में करने वाले खेल 'जल्लीकट्टू' के आयोजन से प्रतिबंध हटाने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर मंगलवार को रोक लगा दी।
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसके तहत सभी सरकारी इमारतों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के साथ-साथ राज्य का झंडा फहराने को कहा गया था। राज्य में दो झंडे फहराने के मुद्दे पर सियासी बहस छिड़ी है।
अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (फीफा) की एक अदालत ने सैप ब्लाटर और माइकल प्लातिनी को 20 लाख डॉलर के गबन का दोषी पाते हुए आज उन्हें आठ वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया। यह राशि यूरोपीय फुटबॉल के निलंबित प्रमुख को दी गई थी।
निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई पर रोक की आखिरी उम्मीद भी ध्वस्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उसकी रिहाई के खिलाफ दिल्ली महिला आयोग की याचिका खारिज करते हुए रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। अदालत का कहना है कि दोषी की सजा बढ़ाने के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
अरुणाचल प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच कांग्रेस के बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर एक होटल में विधानसभा का सत्र बुलाया और मुख्यमंत्री नबाम तुकी को हटकार एक बागी विधायक को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। हालांकि, गोहाटी उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए इस बैठक में लिए गए सभी फैसलों पर रोक लगा दी जिसमें विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का निर्णय भी शामिल है।
सोलह दिसंबर, 2012 की सामूहिक बलात्कार की दर्दनाक घटना के मामले में दोषी किशोर की रविवार को रिहाई का रास्ता आज उस समय साफ हो गया जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार करते हुए कहा कि कानून के वर्तमान प्रावधानों के तहत उसे रिहा होने से नहीं रोका जा सकता। अगर उच्चतम न्यायालय रोक नहीं लगाता है तो अब 20 साल के हो चुके दोषी के 20 दिसंबर को तीन साल की सजा पूरी करने के बाद सुधार गृह से बाहर आने की उम्मीद है।
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए सख्त कदम उठाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज 2000 सीसी से अधिक क्षमता के इंजन वाली डीजल एसयूवी और कारों के दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पंजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। फिलहाल यह रोक अगले साल 31 मार्च तक के लिए लगाई गई है। इसके अलावा पीठ ने एक और अहम निर्देश देते हुए 2005 से पहले के पंजीकृत वाणिज्यिक वाहनों के दिल्ली में प्रवेश करने पर भी रोक लगा दी है।