Advertisement

Search Result : "वाईपी शेख"

बांग्लादेश में होगा मोदी-ममता का भव्य स्वागत

बांग्लादेश में होगा मोदी-ममता का भव्य स्वागत

बांग्लादेश की पहली यात्रा पर शनिवार को ढाका पहुंच रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भव्य स्वागत की तैयारियां की जा रही हैं और दोनों देशों को इस यात्रा से दि्वपक्षीय संबंधों के नई ऊंचाइयों तक पहुंचने तथा आर्थिक एवं व्यापार संबंधों की संभावनाओं के पर्याप्त दोहन की उम्मीद है।
सोहराबुद्दीन मामले में अभय चूडास्‍मा भी बरी

सोहराबुद्दीन मामले में अभय चूडास्‍मा भी बरी

सीबीआई की विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामलों में गुजरात पुलिस के अधिकारी अभय चूडास्‍मा को आरोपमुक्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ अभियोजन लायक कोई सबूत नहीं हैं। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एमबी गोसावी ने चूडास्‍मा को आरोपमुक्त करने का फैसला सुनाया।
बांग्लादेशः जमात नेता की फांसी नहीं टलेगी

बांग्लादेशः जमात नेता की फांसी नहीं टलेगी

बांग्लादेश की जमात ए इस्लामी पार्टी के एक शीर्ष नेता की फांसी की सजा के खिलाफ दायर आखिरी याचिका भी सोमवार को खारिज हो गई। अब उसे फांसी दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। यह सजा उसे 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान लोगों पर अत्याचार करने के लिए सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्ववर्ती फैसले को कायम रखते हुए मोहम्मद कमर उज जमां की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया।
गीता जौहरी के भी अच्छे दिन आये

गीता जौहरी के भी अच्छे दिन आये

मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गीता जौहरी के खिलाफ आरोपों को हटा दिया क्योंकि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार से अनिवार्य अनुमति नहीं मिली।
ममता-हसीना ने तीस्ता मुद्दे पर बात की

ममता-हसीना ने तीस्ता मुद्दे पर बात की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तीस्ता नदी के मुद्दे के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभाने का भरोसा दिया।
हसीना के साथ उठाएंगे तीस्ता का मुद्दा: ममता

हसीना के साथ उठाएंगे तीस्ता का मुद्दा: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने भूमि विवाद समझौते के संबंध में समस्याओं को सुलझा लिया है और बांग्लादेश को तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे पर भी उन पर भरोसा करना चाहिए।
शांति के पासे फेंकने की जरूरत

शांति के पासे फेंकने की जरूरत

निर्मला देशपांडे की पाकिस्तान में बरसी से उठी ये सदाएं मनमोहन सिंह पहुंची या यह उनकी अंत: प्रेरणा थी अथवा अमेरिकी उत्प्रेरणा, जैसा कि कुछ लोग विश्‍वास करना चाहते हैं, शर्म अल शेख के संयुक्त वक्तव्य में ब्लूचिस्तान के जिक्र के लिए राजी होकर और भारत-पाक समग्र वार्ता के लिए भारत में आतंकवादी हमले रोकने की पूर्व शर्त को ढीला करके भारतीय प्रधानमंत्री ने शांति के लिए एक जुआ खेला है। मुंबई हमले के बाद दबाव की कूटनीति से भारत को जो हासिल होना था वह हो चुका और पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकतंत्र के खिलाफ अपेक्षया गंभीर कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ा। दबाव की कूटनीति की एक सीमा होती है और विनाशकारी परमाणु युद्ध कोई विकल्प नहीं हैं। इसलिए वार्ता की कूटनीति के लिए जमीन तैयार करने की जरूरत थी। ब्लूचिस्तान के जिक्र को भी थोड़ा अलग ढंग से देखना चाहिए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement