जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
संसद में होने वाले जीएसटी मेगा शो 15 अगस्त 1947 की आधी रात की याद दिलाने वाला होगा, जब भारत अपनी भविष्य की राह पर आगे चल पड़ा था। माना जा रहा है कि जीएसटी के लागू होने से 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को नया आकार मिलेगा।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।