बेशक दिल्ली नगर निगम चुनावों में एग्जिट पोल में भाजपा जीत रही हो लेकिन बुधवार 26 अप्रैल को मतगणना के बाद साफ हो जाएगा कि किसकी किस्मत का पिटारा खुलेगा और किसका बंद होगा।
तमिलनाडु में सूखे की मार झेल रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने आज बंद का आह्वान किया है। इन विपक्षी दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके, एमएमके, आइयूएमएल शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की सर्वेसर्वा मायावती ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने की घोषणा की। साथ ही कहा कि वे भाजपा को रोकने के लिए किसी भी दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दलों लोकजनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार से दूर रखा है। जबकि इन दोनों दलों के प्रमुखों का प्रदेश के कुछ इलाकों खासकर पूर्वांचल में खासा पकड़ है। लेकिन भाजपा ने कुछ समीकरण को ध्यान में रखते हुए दोनों दलों को प्रचार से दूर रखा है।
मणिपुर में इस बार विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) राज्य में अपने खोए आधार को वापस पाने की कोशिश में लगा हुआ है। एक समय ऐसा था जब मणिपुर की राजनीति में वाम दलों का दबदबा हुआ करता था।
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आम बजट 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टी एक व्यक्ति से अधिकतम दो हजार रुपए का नगद चंदा ले सकती है। राजनीतिक दलों की वित्त पोषण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के कदमों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि राजनीतिक दलों को चंदा लेने में सुविधा के लिए बैंक चुनावी बांड जारी करेंगे।
समाजवादी पार्टी में मची अंदरुनी कलह से पार्टी के कई नेता दूसरे दलों में जाने का मूड बनाने लगे हैं। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले अशोक प्रधान के बाद कई और नाम जुड़ने की संभावना बताई जा रही है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड समेत पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनावों में कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है लेकिन पिछले एक दशक से प्रमुख राजनीतिक दल चुनावी चंदे के रूप में मिली नकदी की घोषणा करने से बचते रहे हैं। यूं कहें कि राजनीतिक दल डिजिटल लेनदेन से परहेज करते आ रहे हैं। पिछले एक दशक में इन दलों ने चुनावों के लिए 63 फीसदी चंदा नकद ही लिया है।
निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग सक्रिय है। आयोग ने सरकार से अनुरोध किया है कि राजनीतिक दलों को 2000 रुपये और इससे ज्यादा के अज्ञात चंदे पर पाबंदी के लिए कानून में संशोधन किया जाए।