Advertisement

Search Result : "वित्त समिति"

अपरिपक्व राजनीति न दिखाए 'आप': जेटली

अपरिपक्व राजनीति न दिखाए 'आप': जेटली

आम आदमी पार्टी में अंतरिक कलह तेज होने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि पार्टी को दिल्ली के लोगों से किये गए वादों को पूरा करना चाहिए और अपरिपक्व राजनीति करके मौके को नहीं गंवाना चाहिए।
हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ क्षोभ

हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ क्षोभ

हाशिमपुरा फैसले के खिलाफ मुखर हुआ हाशिमपुरा में २८ साल पहले पीएसी द्वारा मारे गए लोगों पर आए अदालती फैसले के खिलाफ गोलबंदी तेज। पीड़ितों के साथ अन्य संगठनों ने बैठकों, प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू
तीव्र विकास की चुनौतियों से सचेत रहे भारतः लेगार्ड

तीव्र विकास की चुनौतियों से सचेत रहे भारतः लेगार्ड

आईएमएफ ने भारत को सचेत किया है कि यदि वह उच्च आर्थिक विकास दर हासिल करना चाहता है तो उसे अन्य सुधारों के अलावा कॉर्पोरेट की कमजोर बैलेंस शीट और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपदा गुणवत्ता में तेजी से सुधार लाना होगा।
वित्त आयोग की सिफारिशों से राज्य नाखुश

वित्त आयोग की सिफारिशों से राज्य नाखुश

चौदहवें वित्त आयोग की सिफारिश को अगर लागू कर दिया जाए तो बिहार, असम, त्रिपुरा और उत्तराखंड जैसे राज्यों का केंद्रीय करों में हिस्सा घट सकता है। इन राज्यों ने वित्त आयोग की सिफारिशों से अपनी नाराजगी जताई है।
रिजर्व बैंक की स्वायत्ता में दखल

रिजर्व बैंक की स्वायत्ता में दखल

ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक की स्वायत्ता में दखल देने की ओर बढ़ रही है। हाल में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच हुए एक समझौते को देखकर तो ऐसा ही लगता है। इस दखल को प्रभावी बनाने के लिए रिजर्व बैंक कानून में संशोधन तक किया जाना है।
आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

आम आदमी से दूरी, विकास है जरूरी

खाद्य मूल्य में गिरावट जैसे बाहरी कारकों के अलावा कृषि क्षेत्र की कुछ समस्याएं इस साल के कमजोर मॉनसून से भी बढ़ी हैं। यह भी एक तत्व है कि पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों के कारण कृषि क्षेत्र की दुर्दशा हुई है। सन 2014 में पोषक तथ्व आधारित सद्ब्रिसडी (एनबीएस) शुरू होने से न सिर्फ उर्वरक मूल्य में वृद्धि हुई बल्कि मिश्रित उर्वरक के इस्तेमाल में असंतुलन भी पैदा हुआ। नतीजतन कृषि में मुनाफा कम हो गया और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदतर हो गई।
कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

कर्ज़ नहीं वसूल पा रहे हैं सरकारी बैंक

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कर्ज में फंसी राशि मार्च 2014 तक के तीन वर्षों में तीन गुना से भी अधिक बढ़कर 2.17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यह जानकारी सरकार ने संसद में दी है।
सरकार ही छाप रही थी नकली नोट

सरकार ही छाप रही थी नकली नोट

भारतीय मुद्रा की छपाई के दौरान हुई सुरक्षा लापरवाही के मामले को दबाते हुए वित्त मंत्रालय ने अंदरखाने जांच भी शुरू कर दी लेकिन इस बात की किसी को भनक तक नहीं लग पाई। समाचार चैनल सीएनएन आईबीएन के हाथ लगी मामले की जांच रिपोर्ट सामने आई है। यह मामला पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौर का है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement