Advertisement

Search Result : "विदेशी मुद्रा"

शिवसेना : केंद्र कब देगा किसानों को मदद

शिवसेना : केंद्र कब देगा किसानों को मदद

कृषि एवं सूक्ष्म उद्यमों को मदद प्रदान करने के लिए केंद्र द्वारा पेश सूक्ष्म इकाई विकास एवं पुन:वित्तपोषण एजेंसी (मुद्रा) योजना पर संशय व्यक्त करते हुए शिवसेना ने सोमवार को जानना चाहा कि परेशान किसानों को कब मदद मिलेगी और सरकार की इनकी आत्महत्या पर किस तरह से रोक लगाने की योजना है।
आरोपों को खारिज किया ग्रीनपीस ने

आरोपों को खारिज किया ग्रीनपीस ने

दुनिया के बड़े स्वयंसेवी संगठनों में शामिल ग्रीनपीस के भारतीय अंग ग्रीनपीस इंडिया ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। संगठन ने मध्य प्रदेश के महान कोल ब्लॉक इलाके में चैनल 4 द्वारा बनाए गए वृत्तचित्र का खर्चा उठाने के आरोप से इनकार किया है।
पीएम ने शुरु किया मुद्रा बैंक

पीएम ने शुरु किया मुद्रा बैंक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में मुद्रा बैंक को लॉन्च किया। मुद्रा बैंक छोटे उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराएगा।
गृह मंत्रालय  ने रोका फंड, ग्रीनपीस देगा चुनौती

गृह मंत्रालय ने रोका फंड, ग्रीनपीस देगा चुनौती

गृह मंत्रालय द्वारा फिर से विदेशी फंड रोक लगाने को फैसले को ग्रीनपीस कोर्ट में चुनौती देेगा। ग्रीनपीस की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने हाल ही में ग्रीनपीस इंटरनेशनल की तरफ से ग्रीनपीस इंडिया को भेजी गई 1,48,608 यूरो की राशि के इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है।
विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

विदेशी शासन से बने बैकलाॅग को पूरा करने में जुटा संघ

राष्ट्रीय स्वसंसेवक संघ ने कहा कि आजादी के पहले के एक हजार साल के विदेशी शासन के कारण बने बैकलाॅग को अब पूरा करना है और हिन्दू समाज अब अपनी स्वाभाविक शक्ति, मेधा और स्वाभिमान से खड़ा है। संघ की ओर से यह भी कहा गया कि संघ हिन्दू समाज के साथ सभी लोगों की चिंता करेगा।
14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

14 वर्ष में सबसे अधिक निवेश मॉरीशस से

पिछले 14 वर्षों के दौरान भारत में हुए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आंकड़े इन आरोपों को बल प्रदान करते हैं कि मॉरीशस के रास्ते भारत में काला धन सफेद करके वापस लाया जाता है। तभी तो देश में 2000 से 2014 के बीच कुल 238.63 अरब डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 35.38 प्रतिशत योगदान के साथ मॉरीशस सबसे आगे रहा है।
विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी

विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी

महाराष्ट्र में विदेशी विचारधारा ‘गोडसेवाद’ की खूनी आंधी चल रही है। यह पहले ही दो प्रमुख बुद्धिवादियों को मौत के घाट उतार चुकी है: अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष नरेंद्र दाभोलकर और कम्यूनिस्ट नेता गोविंद पानसरे। तीसरी बलि लेने के लिए कसाई गोडसेवाद अब ठीहे पर डॉ. भारत पाटणकर की गर्दन घसीट लाना चाहता है जो महाराष्ट्र के वैकल्पिक सांस्कृतिक संगठन, विद्रोही सम्मेलन और श्रमिक मुक्ति दल के प्रमुख हैं। विद्रोही सम्मेलन की स्थापना महाराष्ट्र के साहित्य सम्मेलन के समानांतर संगठन के बतौर की गई है। पाटणकर की गर्दन के लिए अपने गंड़ासे की धार सान पर चढ़ाए गोडसेवादियों को मुसलमानों के प्रति कथित नरमी के अलावा सबसे ज्यादा एतराज उनके विद्रोही सम्मेलन का नेतृत्व संभालने पर है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement