विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में उपजी बेचैनी और पार्टी में बड़े बदलाव की मांग के बीच एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लगभग दर्जन भर वरिष्ठ नेताओं को अनिवार्य छुट्टी पर भेजने की मांग की है।
किसी जमाने में लालगढ़ कहे जाने वाले पश्चिम बंगाल में हालिया विधानसभा चुनाव में माकपा नीत वाम मोर्चा की बुरी हार के बाद माकपा के एक पोलित ब्यूरो सदस्य ने माना है कि कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन पार्टी के खिलाफ गया और अगर वह अपने वोट बैंक में टूट-फूट रोकने में विफल रही तो उसके सियासी वजूद पर सवाल खड़े हो जाएंगे।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीते कुल 812 विधायकों में से 36 फीसदी विधायकों ने अपने शपथपत्र में अपने खिलाफ आपराधिक मामला चलने की बात स्वीकार की है। एसोसिएशन ऑफ डेमेाक्रेटिक रिसर्च तथा नेशनल इलेक्शन वाच के सहयोग से हुए सर्वे में इस तरह की जानकारी सामने आई है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को श्रेय देने पर उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना खासी झ्ाल्लाई हुई है। उसने इस पर कड़ा एेतराज जताया है। असम में भाजपा को जीत मिली है। जबकि अन्य राज्यों में पार्टी का पहले से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन रहा है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस कामयाबी की वजह पीएम मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व को मानते हैं।
लगातार हार पर हार मिलती जा रही है लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने हमेशा अपने दाे बड़े नेताओं अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का बचाव ही किया है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के दो साल बाद अब हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जोरदार पटखनी मिली है।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनरायी विजयन केरल के अगले मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इसके साथ ही राज्य माकपा में अच्युतानंदन युग का अंत होना भी तय हो गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के प्रेस सलाहकार रह चुके सबसे नजदीकी संजय बारू ने सुझाव दिया कि है कि अगर कांग्रेस को मजबूत करना है तो पार्टी को सोनिया मुक्त करना होगा। साथ ही कभी पार्टी के साथ रहे ममता बनर्जी, शरद पवार, जीके वासन और जगन मोहन रेड्डी को साथ लेकर चलना होगा।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस में घोर निराशा है। पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं के चेहरे मुरझाए हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह खासे झ्ाल्लाए हुए हैं।