उत्तराखंड विधानसभा में 28 मार्च को हरीश रावत सरकार द्वारा बहुमत साबित करने की चुनौती से पहले सत्ताधारी कांग्रेस के नौ बागी विधायकों को सदन की सदस्यता से बेदखल किए जाने का कदम विवादों के घेरे में आ गया है।
उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार पर आए संकट को लेकर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच अपने बचे विधायकों को किसी भी संभावित टूट से बचाने के लिए कांग्रेस ने उन्हें अज्ञात स्थान पर भेज दिया है। वैसे कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि उन्हें रामनगर भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में समाजवादी पार्टी के विरोध में खड़े चार विधायकों सहित कई नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
नई रक्षा खरीद नीति-2015 (डीपीपी-2015) की घोषणा इस साल में होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के अनुसार जनवरी 2016 तक नई प्रक्रिया की समीक्षा होने के बाद इसकी घोषणा होगी।
धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियत्रंक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कई अनियमितताएं पाई हैं। कैग की ओर संसद में पेश की गई इस रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए जिसका एक उदाहरण यहां पेश है।
धान की सरकारी खरीद और मिलिंग में भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां पकड़ी हैं। कैग की रिपोर्ट बताती है कि कैसे धान खरीद की सरकारी प्रणाली राइस मिलों के अनुचित लाभ का जरिया बन गई है। इन कमियों को दूर करने के साथ-साथ कैग ने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के खातों में करने की सिफारिश की है।
दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के वेतन में करीब 400 फीसदी की वृद्धि होने जा रही है। इससे संबंधित विधेयक आज दिल्ली विधानसभा में पास हो गया। अब इस विधेयक को केंद्र के पास भेजा जाएगा। अगर केंद्र की मंजूरी मिलती है तो दिल्ली में विधायकों का पैकेज प्रतिमाह 2 लाख 35 हजार रुपये होगा जो सांसदों के वेतन से भी ज्यादा है। इस तरह दिल्ली के विधायक देश के सबसे महंगे जनप्रतिनिधि होंगे।
कुछ भाजपा विधायकों ने बीफ पार्टी आयोजित करने पर निर्दलीय विधायक शेख अब्दुल राशिद के साथ आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मारपीट की। इस मामले पर विपक्ष ने काफी हंगामा किया और सदन का बहिष्कार कर दिया है।
दिल्ली में प्याज खरीद घोटाले पर सफाई देने के लिए आम आदमी पार्टी की सरकार ने अखबारों तथा टेलीविजन चैनलों पर विज्ञापन देने में 23 लाख 65 हजार करोड़ रुपये बहा दिए। सरकार पर आरोप लगाया गया था कि इसने 18 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदकर दिल्ली में 40 रुपये में बिकवाए।