तमिलनाडु में सूखे की मार झेल रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने आज बंद का आह्वान किया है। इन विपक्षी दलों में कांग्रेस, माकपा, भाकपा, वीसीके, एमएमके, आइयूएमएल शामिल हैं।
अच्छे मानसून और किसानों की कड़ी मेहनत की वजह से अच्छी फसल होने के बावजूद गेहूं का शुल्क मुक्त आयात किए जाने को लेकर आज उच्च सदन में सरकार की आलोचना किए जाने पर प्रतिवाद करने के कारण शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू को विपक्ष की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने पर आपत्ति जताते हुए विपक्षी दलों ने आज चुनाव आयोग का रुख किया और आयोग से मांग की कि वह सरकार से आठ मार्च को होने वाले अंतिम चरण के मतदान तक इस वार्षिक प्रक्रिया को स्थगित करने को कहे। वहीं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कहते हुए इस कदम का बचाव किया कि विपक्षी दल इसको लेकर क्यों भयभीत हैं, जबकि उनका दावा है कि नोटबंदी बहुत ही अलोकप्रिय फैसला है।
नोटबंदी के बाद बदलते राजनीतिक हालात को अपने पक्ष में करने की कोशिश में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 27 दिसंंबर को विपक्षी दलोंं की एक बैठक बुलाई है। सोनिया गांधी ने नोटबंदी के बाद विपक्षी एकता को और धारदार करने की दिशा में यह पहल खुद अपने स्तर पर शुरू की है। मीटिंग के बाद सभी दल संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं।
नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने संसद में कालीपट्टी बांधकर हंगामा किया। जिससे लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कार्यवाही बाधित रही और इस विषय पर मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं वामदलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बैठक 11 बजकर 40 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उच्च मूल्य के पुराने नोट को चलन से बाहर करने के कदम से विपक्षी नेताओं राहुल गांधी और ममता बनर्जी की रातों की नींद उड़ गई है।
नोटबंदी को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरते हुए इस पूरे प्रकरण पर जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच की मांग की है। विपक्षी दलों की मांग है कि नोटबंदी की सूचना सरकार ने कुछ उद्योगपतियों को पहले ही लीक कर दिया था।
बड़े नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर एकजुट विपक्ष के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
देश में 1000 और 500 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के निर्णय के मुद्दे पर आज लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराए जाने को लेकर भारी हंगामा किया जिसे अध्यक्ष ने अनुमति नहीं दी। हालांकि सरकार इस बात पर कायम रही कि वह नियम 193 के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष के हंगामे कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद आज दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल बड़े नोटों को अमान्य करने के सरकार के निर्णय के खिलाफ कल लोकसभा में कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। इस निर्णय से देश भर में लोगों को हो रही परेशानियों को मुद्दा बनाते हुए विपक्ष की सरकार को जबर्दस्त तरीके से घेरने की योजना है।