जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की ओर से आयोजित ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर अपनी ताकत का अहसास कराया। सम्मेलन में जुटे विपक्षी नेताओं ने गुजरात विधानसभा तथा देश के अगले आम चुनाव के लिए विघटनकारी ताकतों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने पर जोर दिया। सम्मेलन में विपक्षी दलों के नेता जिस तरह से जुटे उसे सियासी हलकों में अहम माना जा रहा है।
एक ओर जहां महागठबंधन तोड़ नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा के साथ हाथ मिलाकर नई सरकार बना ली है, तो वहीं जद (यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने बगावती तेवर अख्तियार कर लिया है।
राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद ने 65.65 फीसदी वोट पाकर विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को बड़े अंतर से हराया है। हालांकि, विपक्ष की एकजुटता को पहले ही झटका लगा चुका था, लेकिन चुनाव के नतीजे कई राज्यों में कोविंद के पक्ष में क्रास वोटिंग को उजागर करते हैं। लगता है अंतर आत्मा की आवाज पर वोट देने की मीरा कुमार की अपील पर सबसे ज्यादा अमल कांग्रेसी विधायकों ने ही किया।
संसद में होने वाले जीएसटी मेगा शो 15 अगस्त 1947 की आधी रात की याद दिलाने वाला होगा, जब भारत अपनी भविष्य की राह पर आगे चल पड़ा था। माना जा रहा है कि जीएसटी के लागू होने से 2,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को नया आकार मिलेगा।
सौ दिन पूरे पर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार को उत्तर प्रदेश की जनता के लिए अभिशाप बताया है। सपा का कहना है कि भाजपा सरकार लोगों में घृणा और जाति, धर्म व समुदायों में भेदभाव फैलाने का काम करती है। वहीं बसपा व कांग्रेस ने भी सरकार को कानून व्यवस्था के मा्मले में नाकारा करार दिया है।
राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने के विपक्ष के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
राष्ट्रपति चुनाव में सत्तादल द्वारा रामनाथ कोविंद के उम्मीदवार बनाये जाने से जहां एक ओर एकजुट होते विपक्ष में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, वहीं वाम मोर्चा की ओर से प्रकाश अंबेकर का नाम आगे आया है। मोर्चा ने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते और पूर्व सांसद प्रकाश के नाम पर अन्य विपक्षी दलों की सहमति लेने की कवायद शुरू कर दी है।
प्रेसिडेंट इलेक्शन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। इलेक्शन रणनीति को लेकर अपोजिशन पार्टियों की मीटिंग 14 जून को होगी। गौरतलब है कि सोनिया गांधी,जेडीयू और लालू प्रसाद यादव जुलाई में होने वाले इस चुनाव के लिए सभी अपोजिशन पार्टियों को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहें है।