वडोदरा शहर के बाहरी इलाके में एक फार्महाउस में शादी से पहले की हाईप्रोफाइल शराब पार्टी में छापा मारा गया और इस मामले में आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष चिरायु अमीन समेत 260 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अंपद गांव के निकट अखंड फार्महाउस में छापे के दौरान 1,28,950 रुपये मूल्य की शराब की 103 बोतलें और बीयर की 116 बोतलें बरामद की। इस संबंध में 125 पुरूषों और 134 महिलाओं पर मामला दर्ज किया गया है।
उच्चतम न्यायालय ने देश भर में राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्गों पर शराब की सभी दुकानें बंद करने का आज आदेश दिया और साथ ही स्पष्ट किया कि शराब की मौजूदा दुकानों के लाइसेंस का 31 मार्च, 2017 के बाद नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को दिए 1,200 करोड़ रुपये की उधारी को डूबा मान लिया है। बैंक ने इस तरह इस रकम को अपनी बही के बट्टे खाते (वह कर्ज़, जिसकी वसूली संभव न हो) में दर्ज कर लिया है।
आम आदमी पार्टी ने पंजाब की सत्ता में आने पर शराब माफिया को खत्म करने, छापेमारी राज पर अंकुश लगाने और व्यापार एवं उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए कई उठाने तथा कुछ क्षेत्रों के लिए कर में रियायत का वादा किया है।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद राज्य में उत्पादित विदेशी शराब व बीयर को निर्यात शुल्क एवं बोटलिंग शुल्क में दी गई छूट को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने उचित ठहराया है। सुबहानी ने कहा कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद विदेशी शराब और बीयर को निर्यात शुल्क व बोटलिंग शुल्क से मुक्त करना शराबबंदी कानून के हित में है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब मध्य प्रदेश में भी राजनीतिक दायरा बढ़ाने जा रहे हैं। बिहार में बढ़ते विरोधियों के बीच नीतीश अपनी शराब बंदी नीति को आधार बनाकर अन्य राज्यों में विस्तार करना चाहतेे हैं। इसी के तहत वह मप्र में भी इसके लिए आंदोलन को हवा देकर जनाधार खड़ा करने की योजना बना रहे हैं। 16 सितंबर को वह मप्र की यात्रा पर आएंगे और बड़वानी जिले से 'नशा मुक्त मध्य प्रदेश यात्रा' को हरी झंडी दिखाएंगे। अक्टूबर में नीतीश और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव मप्र की यात्रा कर शराबबंदी के पक्ष में जनसभाएं करेंगे।
- आम आदमी पार्टी की शराब नीति के पाखंड का स्वराज अभियान ने किया ख़ुलासा
- शराब बिक्री केंद्रों की संख्या और कमाई में लगातार इज़ाफ़े के बावजूद शराब से नशामुक्ति पर खर्च में भारी कटौती।
-आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा 600 करोड़ के अतिरिक्त रेवेन्यू में से 1 करोड़ रुपये भी नशामुक्ति के प्रचार या अभियान पर खर्च नहीं। शराब से नशामुक्ति के प्रचार पर आप सरकार द्वारा मात्र 1.79 लाख रुपये खर्च
- नशामुक्ति के कार्यक्रम और अभियान पर केजरीवाल सरकार ने मात्र 16000 रुपये खर्च किए
-399 दुकानें खुलीं मगर एक भी नया नशामुक्ति केंद्र नहीं खुला
पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।