देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे:
'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको
इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें
जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के 10 आरोपी छात्रों में से एक छात्र उमर खालिद के पिता ने आज कहा है कि यह न्यायपालिका को तय करना है कि वह मामले में संलिप्त था या नहीं। साथ ही उन्होंने मांग की कि उनके बेटे को मीडिया ट्रायल से अलग रखा जाए।
कर्नाटक के मैसूर ने एक बार फिर भारत के सबसे स्व्च्छ शहर का खिताब हासिल किया है। केंद्र सरकार की ओर से 73 शहरों में कराए गए सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आने वाला वाराणसी शहर साफ-सफाई के मामले में सबसे निचले पायदान पर है।
डिजिटल इंडिया का नारा आकर्षक है। रिक्शे वाला और सब्जी विक्रेता अथवा दूर-दराज काम कर रहे मजदूर के पास भी मोबाइल फोन पहुंच गया है। सरकार गौरव के साथ कहने लगी है कि देश में एक सौ करोड़ मोबाइल फोन लोगों के हाथों में दिखने वाले हैं। इस क्रांति से लोगों को सुविधा हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे सरकार और निजी कंपनियां गरीब लोगों की जेब अधिक खाली करने लगी है।
उत्तरप्रदेश की समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह साइकल है। प्रदेश विधान-सभा का चुनाव 2017 में हैं। युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रदेश को आधुनिक बनाने की योजनाएं बनाकर केंद्र को भेजते रहे हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक सांसद कंधों का योगदान है।
सरकार ने शहरी इलाकों में ठोस कचरे से बनी खाद की बिक्री पर 1,500 रुपये प्रति टन की मदद को आज मंजूरी दे दी। किसान इस खाद का इस्तेमाल जैविक उर्वरक के रूप में कर सकते हैं। केंद्रीय उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। इस बाजार विकास सहायता से किसानों के लिए कंपोस्ट खाद की खुदरा कीमत में कमी आने की उम्मीद है।
अगस्त 2015 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रमुख ने एक संक्षिप्त सर्कुलर जारी किया जो कि इसके शीर्ष स्तर पर एक सामान्य प्रक्रिया है। ईडी के कार्यकारी निदेशक करनैल सिंह कहते हैं कि ईडी को किसी मामले की जांच करने के लिए दूसरी एजेंसियों मसलन सीबीआई का इंतजार करने की जरूरत नहीं है।