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Search Result : "शिक्षा क्षेत्र"

शिक्षा मंत्री की पत्नी की जगह दूसरी महिला दे रही थी परीक्षा

शिक्षा मंत्री की पत्नी की जगह दूसरी महिला दे रही थी परीक्षा

जैसे ही महिला को पकड़े जाने का अंदेशा हुआ वह परीक्षा कक्ष से भाग गई। महिला और शांति कश्यप द्वारा जमा की गई तस्वीरों का मिलान किया गया, इससे साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह कोई और महिला परीक्षा दे रही थी।
बिहार के भाजपा सांसदों को निर्देश, क्षेत्र पहले संसद बाद में

बिहार के भाजपा सांसदों को निर्देश, क्षेत्र पहले संसद बाद में

संसद का मानसून सत्र चलने के लिए भले ही सरकार विपक्ष को दोषी ठहरा रही हो लेकिन बिहार के भाजपा सांसदों को निर्दश दिया गया कि पहले क्षेत्र को संभालिए। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह सभाओं का आयोजन किया जा रहा है और इसके लिए सांसदों का रहना जरूरी है। ऐसे में पार्टी की ओर से यह निर्देश मिला है कि सांसद पहले क्षेत्र संभालें संसद तो ऐसे ही चलती रहेगी।
प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

प्राइवेट स्‍कूलों का राष्‍ट्रीयकरण क्‍यों जरूरी?

भारत में निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू है। सरकारी कार्यालयों में चाय पहुंचाते बच्चों को देख कर ये बखूबी जाना जा सकता है कि हमारे देश में ये कानून किस तरह लागू है। शिक्षा न तो निशुल्क है और न ही अनिवार्य। निजी विद्यालयों में मोटी फीस वसूलते हैं, सरकारी विद्यालय भी किसी न किसी बहाने कुछ पैसा वसूल ही लेते हैं।
संस्कृत सहित कई भाषाओं को अनिवार्य बनाने पर संघ सक्रिय

संस्कृत सहित कई भाषाओं को अनिवार्य बनाने पर संघ सक्रिय

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े एक संगठन ने शिक्षा नीति में बदलाव कर संस्कृत या अन्य शास्त्रीय भाषाओं जैसे अरबी, फारसी, लैटिन और ग्रीक को कम से कम चार वर्ष तक स्कूली शिक्षा में अनिवार्य बनाने की सलाह दी है।
अंबानी, अडानी और वेदांता को राहत, अन्य 22 सेज रद्द

अंबानी, अडानी और वेदांता को राहत, अन्य 22 सेज रद्द

सरकार ने तमिलनाडु औद्योगिक विकास निगम और टयू डेवलपर्स सहित 22 विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की मंजूरी रद्द कर दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में संतोषजनक प्रगति नहीं होने की वजह से मंजूरी रद्द की गई।
विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

विदेशी दाताओं के बहाने ज्ञान और विकास पर हमला

मीडिया में आई खबरों के अनुसार, गृह मंत्रालय भारतीय एनजीओ को मिलने वाले विदेशी अनुदान पर नियम-कायदों का शिकंजा कसने के लिए एक नया तंत्र विकसित करने जा रहा है, जिसकी घोषणा 15 जून तक हो सकती है। इस नई नियामक व्‍यवस्‍था में खुफिया ब्‍यूरो, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और गृह मंत्रालय की एफसीआरए विंग के बीच मजबूत तालमेल रहेगा। विदेशी अनुदान हासिल करने वाले सभी गैर-सरकारी संगठनों को एक वेबसाइट बनानी होगी और फंड हासिल करने के 48 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सार्वजनिक कर अपनी गतिविधियों और सहयोगी संस्‍थाओं की पूरी जानकारी देनी पड़ेगी।
मानसून की राह में बाधा बना सकता है चक्रवात !

मानसून की राह में बाधा बना सकता है चक्रवात !

अरब सागर में बने दबाव के क्षेत्र की वजह से महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में भारी बारिश होने की उम्‍मीद है। लेकिन इससे मानसून के आगे बढ़ने की गति प्रभावित हो सकती है।
तमाम संशोधनों के बाद 7.3 फीसदी तक पहुंची विकास दर

तमाम संशोधनों के बाद 7.3 फीसदी तक पहुंची विकास दर

वर्ष 2014-15 की आखिरी तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्‍पाद जीडीपी की विकास दर बढ़कर 7.5 फीसदी तक पहुंच गई है जबकि पूरे वित्‍त वर्ष के दौरान विकास दर 7.3 फीसदी रही है। जबकि इससे पहले साल संशोधित विकास दर 6.9 फीसदी रही थी।
उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
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