क्या गंगाजल को खास बनाने के पीछे इसमें मौजूद किसी विशेष एक्स फैक्टर का योगदान है? गंगा निश्चित तौर पर भारत की सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और अनंतकाल से इसके जल को इसके जादुई गुणों के लिए जाना जाता है। इसी खूबी के चलते यदि गंगाजल वर्षों तक रखा जाए, तो भी यह खराब नहीं होता। इसे इस नदी का आत्म-शोधन का गुण कहा जाता है। भारतीय वैज्ञानिक इसी रहस्य से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे हैं।
कचरे पर कोई हाथ नहीं डालना चाहता...और बात बेहद रेडियोधर्मी कचरे की हो तब तो बिल्कुल नहीं। फिर भी भारतीय परमाणु विज्ञानियों ने इस काम को अपने हाथ में लेते हुए दुनिया में पहली बार परमाणु उर्जा संयंत्रों से निकलने वाले कचरे से रेडियोधर्मी तत्व सीजियम की एक एेसी दुर्लभ किस्म विकसित की है।
कुपोषण एक ऐसी बीमारी जो कि बच्चों के विकास में बाधक ही नहीं बल्कि समाज के लिए चिंता का विषय है। कुपोषण से मुक्ति की सरकार लाख कोशिशें कर ले लेकिन इससे मुक्ति एक सपना बन गया है। राष्ट्रीय प्रतिष्ठान और सेव द चिल्ड्रेन के लिए किए जा रहे शोध के दौरान पाया गया कि सरकारी आंकड़े कुपोषण को लेकर कुछ और स्थिति बताते हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और होती है।
शोध छात्र के यौन उत्पीड़न मामले को लेकर विवादों में घिरे सेंट स्टीफंस कॉलेज के प्रिंसिपल वालसन थम्पू ने सोमवार को कहा कि अगर यह साबित हो जाए कि संस्थान के लिए वह शर्मिंदगी का कारण बन गए हैं तो इस्तीफा दे देंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लगता है कि इस मामले में शिकायतकर्ता को दिल्ली पुलिस की ईमानदारी पर भरोसा नहीं है।
एक ओर तो मौजूदा सरकार स्वच्छ भारत मुहिम पर जोर दे रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर घर में शौचालय बनाने पर जोर दे रहे हैं, दूसरी ओर घर में शौचालय न होने की वजह से झारखंड में एक बच्ची ने आत्महत्या कर ली।
सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एक शोध छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पीड़ित छात्रा ने कॉलेज के प्रिंसिपल वाल्सन थंपू के साथ हुई बातचीत के ऑडियो टेप व एसएमएस जारी करते हुए केस वापस लेने का दबाव डालने का आरोप लगाया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सेंट स्टीफेंस काॅलेज के एक प्रोफेसर द्वारा एक शोध छात्रा के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है।