गुड एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार ने एक बार फिर विपक्ष से सहयोग मांगा है। ताकि संसद के आगामी सत्र में इस विधेयक को पारित कराया जा सके। सरकार इसके लिए अलग से सत्र बुलाने पर भी विचार कर सकती है।
आक्रोश और उन्माद हिंसा दे सकते हैं, न्याय नहीं, राज्यसभा में किशोर न्याय (बाल देखरेख एवं संरक्षण) विधेयक-2015 के पारित होने से यही बात फिर से साबित हुई है। उंन्मादित जनता बस 16 दिसंबर 2012 सामूहिक बलात्कार (निर्भया) के किशोर अपराधी का खून मांगने निकली थी, सरकार ने उसके दामन में देश भर के बच्चों को अपराधी बनाने का दाग भर दिया। जी हां, किशोर न्याय विधेयक का बर्बर बलात्कार और हत्यायों से कोई खास रिश्ता नहीं है। यह विधेयक किसी भी ‘जघन्य’ अपराध के आरोपी किशोरों के साथ व्यस्क अपराधियों सरीखा व्यवहार करने, उन पर वयस्क अदालतों में मुकदमा चलाने और उन्हें वयस्कों के लिए बनी जेल में भेजने का रास्ता खोलता है।
संसद का एक और सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। लोकसभा और राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। हंगामे के कारण जीएसटी और रियल एस्टेट सहित कई महत्वपूर्ण विधेयक अटक गए। यहां तक की लोकसभा में कल पेश हुआ बैंकरप्सी बिल भी ज्वाइंट कमिटी को भेज दिया गया है। इसके अलावा इंडियन फॉरेस्ट संशोधन विधेयक, सुगर सेश संशोधन विधेयक भी पारित नहीं हो पाया।
संसद सत्र के अंतिम दिन परमाणु ऊर्जा (संशोधन) विधेयक सहित तीन महत्वपूर्ण विधेयकों को अपनी मंजूरी दे दी। साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया कि परमाणु उर्जा के क्षेत्र में बनायी जाने वाली संयुक्त उद्यम कंपनी में 49 प्रतिशत तक की भागीदारी केवल सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की होगी।
निर्भया कांड के नाबालिग दोषी की रिहाई के बाद सरकार पर किशोर न्याय संशोधन विधेयक को संसद में पारित कराने का दबाव बढ़ गया है। इस विधेयक में जघन्य अपराधों में शामिल 16 साल से ऊपर के किशोरों को व्यस्कों जैसी सजा देने का प्रावधान है। इस विधेयक पर आज राज्यसभा में चर्चा और इसके पास होने की उम्मीद की जा रही है।
जुवेनाइल जस्टिस बिल आज राज्यसभा में पारित हो गया। नए कानून के जरिये जघन्य अपराध में नाबालिग को पुन: परिभाषित किया गया है। इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के नाबालिगों को भी वयस्क मानकर मुकदमा चलाया जाएगा।
इस साल मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता के खिताब की घोषणा में एक बड़ी चूक हुई। कार्यक्रम के होस्ट ने गलती से मिस कोलंबिया अरियाडना गूटियारेज को मिस यूनिवर्स घोषित कर दिया जबकि असल में यह खिताब मिस फिलिपींस को दिया जाना था। जब तक इस भूल का अहसास हुआ मिस यूनिवर्स का ताज मिस कोलंबिया पहन चुकी थीं। लेकिन बाद में भूल सुधार करते हुए उनके सिर से ताज उतारकर मिस फिलिपींस को मिस यूनिवर्स बनाया गया।