उत्तर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष बदलने के साथ ही पार्टी अब उम्मीदवारों का चयन करने में जुट गई है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इसी माह के अंत तक कुछ उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की बढ़ती सुगबुगाहट के बीच राज्य में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने आज 143 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी।
उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार ने टीवी न्यूज चैनलों के कार्यक्रम में अक्सर सपा सरकार का पक्ष रखते नजर आने वाले उच्चतम न्यायालय के वकील और राज्य के अपर महाधिवक्ता गौरव भाटिया समेत दो वरिष्ठ कानून विशेषज्ञों को उनके पद से हटा दिया है।
उत्तर प्रदेश के विधान परिषद के चुनाव में जिस तरीके से भाजपा उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस किया उसे लेकर सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा है कि कहीं यह सपा-भाजपा का गठजोड़ तो नहीं है। क्योंकि भाजपा ने बड़े जोर-शोर से विधान परिषद का चुनाव लडऩे की तैयारी की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में पेश आम बजट में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में लेकिन सूबे को उसकी आबादी के लिहाज से जरूरी धन नहीं दिया गया।
उत्तर प्रदेश में आगामी तीन मार्च को होने वाले विधानपरिषद के चुनाव से पहले ही आठ उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। गुरूवार को पर्चा वापिसी का दिन था और नामांकन वापिसी के बाद विजयी उम्मीदवारों की घोषणा की गई। सभी निर्विरोध उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के हैं।
उत्तर प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणामों में आज सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) को झटका लगा और उसे तीन में से दो पर हार का सामना करना पड़ा है। गौरतलब है कि आठ राज्यों की 12 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव हुए थे।
जमाना फार्मूले का है। राजनीति भी इससे अछूती नहीं। अब देखिए ना बिहार में गठबंधन का फार्मूला हिट हुआ तो अब उसे उत्तर प्रदेश में भी दोहराने की जुगत लगाई जा रही है। हालांकि शुरूआती दौर में बड़े खिलाड़ी अभी पर्दे के पीछे हैं मगर बातचीत के दौर बता रहे हैं कि बात तो बनकर ही रहेगी। बिहार के नायक नीतीश कुमार इस बार पूरी तरह स्वयं कमान संभाले हुए हैं, उनकी पार्टी जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव तो पिछली सीट पर ही बैठे हैं।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अगले माह होने वाले विधानपरिषद के चुनाव के लिए टिकट देने में युवाओं को तरजीह दिया है। इतना ही नहीं हाल में पार्टी से निष्कासित दो युवा नेता सुनील सिंह साजन और आनंद भदौरिया को भी टिकट देकर यह जता दिया है कि इन लोगों को गलत आरोपों में निष्कासित कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा और प्रदेश की सत्तासीन समाजवादी पार्टी के बीच है। जबकि बहुजन समाज पार्टी उपचुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करती।