साल 2012 के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जब अपनी विरासत सौंपने का मन बनाया तो सबसे पहले उनके भाई शिवपाल सिंह यादव का नाम सामने आया। शिवपाल का नाम आते ही उनके समर्थकों के बीच एक खुशी की लहर दौड़ पड़ी कि लेकिन इस पूरे प्रकरण में सपा में थिंक टैंक कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने अलग भूमिका निभाई। रामगोपाल ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव दे दिया।
भारत में तीन साल से छह साल की उम्र के कुल 7.4 करोड़ बच्चों में से करीब दो करोड़ बच्चे औपचारिक पढ़ाई की शुरूआत से पहले प्री स्कूल नहीं जाते हैं। यूनिसेफ द्वारा जारी एक अध्ययन में पता चला है कि प्री स्कूल नहीं जा पाने वालों में निर्धन एवं समाज के कमजोर वर्गों के बच्चे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा बच्चे मुस्लिम समुदाय से हैं जो प्री स्कूली शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराए जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
राजनीतिक गलियारों में इन दिनो दावे किए जा रहे हैं कि अजित सिंह की पार्टी रालोद और समाजवादी पार्टी में 'डील' हो चुकी है और इसकी बस घोषणा होनी बाक़ी है। मगर वहीं अजित सिंह को निकट से जानने वालों की मानें तो दिल्ली अभी दूर है। बक़ौल उनके सिंह अभी कम से कम एक बार ताश के पत्ते और फेंटेंगे और अन्य सम्भावनाओं को टटोलने का पुनः प्रयास करेंगे ।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की कैबिनेट का सोमवार को सातवां विस्तार हुआ। नए मंत्रियों को सुबह 11 बजे राजभवन में राज्यपाल राम नाइक ने शपथ दिलाई। कुछ दिनों पहले बर्खास्त किए गए मंत्री बलराम यादव को फिर मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया गया है। इसके अलावा नारद राय, जियाउद्दीन रिजवी, रविदास मेहरोत्रा और शारदा प्रसाद शुक्ल मंत्री बने हैं। मुख्तार अंसारी प्रकरण और अब बलराम यादव के दोबारा कैबिनेट में प्रवेश के बाद अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव नाराज बताए जा रहे हैं।
बसपा छोड़कर सुर्खियों में आए स्वामी प्रसाद मौर्य का अगला कदम क्या होगा? इसको लेकर राजनीतिक गुणा-भाग जारी है। स्वयं मौर्य भी अपना पत्ता अभी नहीं खोल रहे हैं। इसके पीछे माना जा रहा है कि मौर्य अपनी ताकत को आजमाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अड़ जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की पार्टी के सपा में विलय को महज तीन दिन बाद शनिवार को रद्द कर दिया। पार्टी के इस निर्णय की चौतरफा आलोचना हुई थी।
माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के कौमी एकता दल (कौएद) के समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय को लेकर मतभेद उभरने के बीच वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उन्होंने पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव की इजाजत से ही कौएद का सपा में विलय कराया था और इस मुद्दे पर पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है।