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Search Result : "सफेद गेंद"

इस बार आखिरी गेंद पर चौका नहीं लगा सके धोनी

इस बार आखिरी गेंद पर चौका नहीं लगा सके धोनी

वन डे श्रृंखला में क्लीन स्वीप करने वाली भारतीय क्रिकेट टीम इस प्रदर्शन को पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में नहीं दोहरा सकी और जिम्बाब्वे ने उसे दो रन से हराकर अप्रत्याशित जीत दर्ज की। एल्टन चिगुंबुरा के 26 गेंद में नाबाद 54 रन की मदद से जिम्बाब्वे ने छह विकेट पर 170 रन बनाए। जवाब में भारत छह विकेट पर 168 रन ही बना सका। तेज गेंदबाज नेविले मेडजिवा ने बेहतरीन आखिरी ओवर डालकर मेजबान को तीन मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त दिला दी।
सौरव गांगुली की अगुवाई, गुलाबी गेंद से दिन और रात का पहला मैच

सौरव गांगुली की अगुवाई, गुलाबी गेंद से दिन और रात का पहला मैच

मोहम्मद शमी और रिद्धिमान साहा पश्चिम बंगाल के स्थानीय क्लबों मोहन बागान और भवानीपुर क्लब के बीच शनिवार से शुरू होने वाले बंगाल सुपर लीग फाइनल में गुलाबी गेंद से होने वाले दिन-रात्रि के मैच में भाग लेंगे।
पॉल्‍यूशन से पीला होता जा रहा संगमरमरी ताज, एनजीटी ने थमाया नोटिस

पॉल्‍यूशन से पीला होता जा रहा संगमरमरी ताज, एनजीटी ने थमाया नोटिस

राष्ट्रीय हरित अधिकरण :एनजीटी: ने एक पर्यावरण कार्यकर्ता की याचिका पर केन्द्र से जवाब मांगा है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि आगरा में बड़े पैमाने पर नगरपालिका के ठोस कचरे को जलाये जाने से ताजमहल का रंग पीला पड़ रहा है।
सफेद गाउन और कम मेकअप में भी कान में रहा सोनम का जलवा

सफेद गाउन और कम मेकअप में भी कान में रहा सोनम का जलवा

कान फिल्मोत्सव में इस साल रेड कार्पेट पर पहली बार उतरते हुए बॉलीवुड अभिनेत्री सोनम कपूर ने ब्रिटेन के फैशन हाउस राल्फ एंड रूसो का सफेद गाउन पहना जिसमें वह बेहद खूबसूरत दिखाई दे रही थीं।
गेंद हो या बल्‍ला, पासा पलटने में माहिर हैं आंद्रे रसेल

गेंद हो या बल्‍ला, पासा पलटने में माहिर हैं आंद्रे रसेल

आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की स्थिति मजबूत होती जा रही है। पिछले दोनों मैंच उसने उम्‍दा प्रदर्शन की बदौलत जीते हैं। आरसीबी के खिलाफ जहां युसूफ पठान का बल्‍ला बोला था तो पंजाब के खिलाफ चमत्‍कारिक आलराउंडर आंद्र रसेल ने अं‍तिम ओवरों में बेहतरीन गेंदबाजी कर टीम की झोली में जीत डाल दी।
आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

आवरण कथाः कोचिंग का धंधा, कितना स्याह, कितना सफेद

कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। बिहार के मूल निवासी पीयूष कुमार गुजरात के अहमदाबाद में बैंक अधिकारी हैं। परिवार में पत्नी के अलावा सिर्फ एक बेटा है जो दसवीं की परीक्षा पास कर चुका है। मगर बेटा और पत्नी उनके साथ नहीं रहते। दोनों राजस्थान के कोटा में हैं जहां बेटा आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास करने के लिए एक नामी कोचिंग सेंटर में तैयारी कर रहा है। एक और उदाहरण देखें:ओडिशा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुकी श्वेता कुमारी इंजीनियरिंग क्षेत्र में मंदी के कारण बैंक की नौकरी की तैयारी कर रही हैं। सिलीगुड़ी के अपने घर में रहकर उसने परीक्षा दी मगर लिखित परीक्षा की बाधा पार नहीं हो पाई। उसने दिल्ली का रुख किया और यहां एक कोचिंग से बैंकिंग की तैयारी के बाद पहली बार में ही रिजर्व बैंक और बैंक पीओ की लिखित परीक्षा पास कर ली। ये दो उदाहरण देश में कोचिंग के पूर्ण विकसित हो चुके धंधे की कहानी बयां करते हैं। जरा 15 साल पहले का जमाना याद करें जब कोचिंग का मतलब आपके घर में ही आस-पड़ोस के किसी बेरोजगार युवक द्वारा आपके बच्चों को पढ़ाई में थोड़ी-बहुत मदद कर देना होता था। अब अगर बच्चे को डॉक्टर, इंजीनियर, मैनेजर, प्रशासनिक अधिकारी या किसी सरकारी दफ्तर में क्लर्क ही बनना हो तो औपचारिक शिक्षा की डिग्री के साथ-साथ किसी कोचिंग संस्था का मार्गदर्शन होना अनिवार्य है अन्यथा गला काट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में उसका पिछड़ना तय है। सीधे शद्ब्रदों में कहें तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और कटक से अटक तक कोचिंग का धंधा औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ पांव पसार चुका है और इस सच से कोई इनकार नहीं कर सकता। साल 2013 में हुए एक आकलन के मुताबिक भारत में कोचिंग इंडस्ट्री लगभग 23.7 अरब डॉलर (160.16 अरब रुपये) की थी, जिसके साल 2015 में 40 अरब डॉलर (270 अरब रुपये) के होने की भविष्यवाणी की गई थी और अगले पांच वर्षों में यह 500 अरब रुपये तक पहुंच सकती है।
वनडे क्रिकेट भी गुलाबी गेंद से खेला जाए: गावस्कर

वनडे क्रिकेट भी गुलाबी गेंद से खेला जाए: गावस्कर

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि अब एकदिवसीय क्रिकेट में भी गुलाबी गेंद का उपयोग शुरू कर देना चाहिए क्योंकि सफेद गेंद से गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही है।
काले रंग का गया जमाना

काले रंग का गया जमाना

काला रंग पार्टी के लिए सबसे अहम रंग माना जाता रहा है। लेकिन अब यह बीती बात हो गई है। फैशन डिजाइनरों की मानें तो ‘नए काले’ के रूप में अब सफेद उभर रहा है।
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