पंजाब इंप्लॉय स्टेट इंश्योरेंस निगम (ईएसआई) अस्पतालों में अब आम लोग और सरकारी अस्पतालों में ईएसआई लाभपात्री इलाज करवा सकेंगे। इस योजना को पंजाब भर में लागू किया गया है।
डिजिटल इंडिया अभियान के लिए निजी क्षेत्र को लुभाने में जुटी मोदी सरकार को इन्फोसिस के सह संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति ने आईना दिखाया है। उन्होंने कहा कि एक भी सरकारी योजना ऐसी नहीं, जहां कंपनी को घाटा न हुआ हो।
इसी महीने जारी सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़े देखकर हम दिल्ली में समुंदर खोजने लग गए। इन आंकड़ों के नुसार दिल्ली में मछली पकड़ने की मशीनी नौकाएं 14,468 परिवारों के पास हैं-बड़े समुद्र तटीय क्षेत्र वाले तमिलनाडु के 13,760 परिवारों के पास ऐसी नौकाओं से कहीं ज्यादा। और तमिलनाडु के बड़े तटीय भूभाग को पखारता विशाल समुंदर और उसमें दूर-दूर तक डूबती-उतराती, मछली मारने के लिए जाल फैलाती अनगिनत मशीनी और मानव चालित नौकाएं हमने आंखों देखी हैं।
यूनान की जनता ने अंतरराष्ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरोपीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
ट्विटर हैंडल @AnonGoIWPEdits के अनुसार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके पूर्वजों को लेकर धर्म संबंधी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। यह ट्विटर हैंडल विकीपीडिया पर होने वाले एडिट्स पर नजर रखता है। इसने पाया कि तमाम बदलाव और अफवाहें भारत सरकार के आईपी एड्रेस से किए गए थे और इनमें लिखा था कि पंडित नेहरू के दादा गंगाधर नेहरू मुस्लिम थे।
शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
विश्व योग दिवस के अवसर इतिहास रचने की मंशा लिए भारत सरकार ने सवा सौ करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि केवल प्रचार-प्रसार पर खर्च किया है। सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने इस दिवस को सफल बनाने का जो बजट तैयार किया है वह प्रचार-प्रसार के लिए अन्य योजनाओं के मुकाबले कहीं ज्यादा है।
शुरू में जो मामला विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के परिवार और ललित मोदी के आपसी संबंधों की कहानी लग रहा था, उसमें बीजेपी की आन्तरिक राजनीति का कोण तब जुड़ गया जब बीजेपी के सांसद और क्रिकेट की राजनीति के माहिर कीर्ति आज़ाद ने 'आस्तीन के सांप' की बात कर दी। लोग सांप तलाशने लगे क्योंकि आस्तीन के बारे में सब को पता था।