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Search Result : "सरकारी सुरक्षा प्रचार तंत्र"

बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

बहल का ड्रामा या सरकारी दबाव?

समय 11.45, स्थान प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से भरा सम्मेलन कक्ष। सबकी निगाहें कक्ष में लगे स्क्रीन पर टिकी हुई थी। चैनलों के ओबी वैनकर्मी फुटेज के लिए केबल को इधर से उधर करने में लगे हुए।
कड़ी सुरक्षा के बीच एमएसजी रिलीज

कड़ी सुरक्षा के बीच एमएसजी रिलीज

लाख विव‌ादों के बाद आखिरकार डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड (एमएसजी) रिलीज हो गई है। कई सिख संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।
रेल हादसे में 10 की मौत

रेल हादसे में 10 की मौत

बंगलूरू से एर्नाकुलम जा रही ट्रेन के पटरी से उतर जाने पर 10 लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 100 लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा होसूर के पास बेलागोंडापल्ली गांव के पास हुआ। हादसे के बाद एक फिर रेलवे मंत्रालय पर सवाल उठने लगे हैं।
बैंकों की मदद करेगी सरकार

बैंकों की मदद करेगी सरकार

भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति को सुधारने की कवायद शुरू कर दी है। इस सिलसिले में सरकार ने 9 बैंकों की मदद करने का फैसला किया है।
पर्रिकर के बयान पर बवाल

पर्रिकर के बयान पर बवाल

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के एक बयान ने देश के राजनीतिक दलों में हंगामा मचा रखा है। दरअसल रक्षा मंत्री ने कहा था कि कुछ पूर्व प्रधानमंत्रियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया था।
सुरक्षा पर मूंदी आंख

सुरक्षा पर मूंदी आंख

संवेदनशील रक्षा सामग्री का उत्पादन करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की पूर्व कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लि. (बालको) को पूरी तरह से एक विदेशी कंपनी वेदांता के हाथों में देने की तैयारी चल रही है।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।