हरियाणा में 35 गैर-जाट समुदायों के नेताओं ने आज चेतावनी दी कि अगर जाट आरक्षण आंदोलन के सिलसिले में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी के खिलाफ पार्टी कोई कार्रवाई करती है तो वे विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।
हरियाणा में चल रहे जाट आंदोलन की आंच अब उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी पहुंचने लगी है। इससे भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। भाजपा नेताओं को यह डर सताने लगा है कि अगर मामला जल्द नहीं सुलझा तो उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है।
हरियाणा में आरक्षण के लिए आंदोलनरत जाटों ने आज भी कई जगहों पर हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया। भीड़ ने ताजा घटनाक्रम में सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने के साथ ही कई सरकारी वाहनों में आग लगा दी। आंदोलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 16 तक पहुंच गई है।
हरियाणा में जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी हटानी शुरू कर दी है और हिंसाग्रस्त राज्य में जनजीवन आज फिर से सामान्य होता नजर आया। कई दिनों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त रहने के बाद कैथल समेत कुछ शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थिति में आज उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद व्यक्त की है। अधिकारियों ने कैथल और इसके निकटवर्ती कस्बे कलायत से कल कर्फ्यू हटा लिया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जाट समुदाय की आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए आज कहा कि विरोधी पार्टियों खासकर हरियाणा की भाजपा सरकार को इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करके उसे तत्काल लागू करना चाहिये।
कोटे की मांग को लेकर जारी जाटों के हिंसक प्रदर्शन पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने आज साफ तौर पर कहा कि भीड़ से बात नहीं की जा सकती और राज्य सरकार के साथ परस्पर संवाद के लिए उन्हें एक समिति गठित करनी चाहिए।
जाट आंदोलन के कारण हरियाणा से जल आपूर्ति में कटौती किए जाने पर दिल्ली सरकार ने कल राजधानी में स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। यह घोषणा जल संकट से निपटने के लिए शहर में पानी के नियंत्रित वितरण की नीति के तहत की गई है।
हरियाणा में आरक्षण को लेकर चल रहे हिंसक आंदोलन के लिए कांग्रेस ने भाजपा को जिम्मेवार ठहराया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि भाजपा-आरएसएस तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के चलते देश को धर्म व क्षेत्रवाद पर बांटने की साजिश रच रहे हैं।