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Search Result : "सवर्णों को आरक्षण"

गुजरात बंद में भड़की हिंसा, 9 लोगों की मौत, सेना बुलाई

गुजरात बंद में भड़की हिंसा, 9 लोगों की मौत, सेना बुलाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद गुजरात बंद के दौरान हिंसा भड़की। पटेल आरक्षण आंदोलन की आग पूरे राज्य में फ़ैल रही है। अभी तक 9 लोगोँ के मारे जाने और सैकड़ों के घायल होने की खबर हे। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी नेताओं, पुलिस और सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया। गृह राज्य मंत्री राजनी पटेल के दफ्तर को उग्र भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। हार्दिक पटेल ने मौजूदा स्थिति के लिए पुलिस को जिम्‍मेदार ठहराया है। गुजरात में हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है।
'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

'आरक्षण नहीं तो कमल उखाड़ देंगे, नीतीश भी हमारे'

अहमदाबाद में विशाल रैली बुलाकर हार्दिक पटेल में अपना लोहा मनवा लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्‍य की भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए उन्‍होंने कहा है कि मांग नहीं मानी तो दोबारा कमल नहीं खिलेगा। यह रैली भले ही आरक्षण की मांग को लेकर हुई लेकिन हार्दिक पटेल के तेवर पूरी तरह सियासी दिखे। उन्‍होंने मंच से केजरीवाल, नीतीश कुमार और सरदार पटेल का नाम लेकर अपनी राजनैतिक महत्‍वाकांक्षाओं की झलक दिखाई है।
हार्दिक पटेल हिरासत में, समर्थकों पर लाठीचार्ज

हार्दिक पटेल हिरासत में, समर्थकों पर लाठीचार्ज

पाटीदार समाज को आरक्षण दिलाने के लिए अहमदाबाद में हुई हार्दिक पटेल की रैली शाम होते-होते पुलिस के साथ हिंसक झड़पों में तब्‍दील हो गई है। पुलिस ने हार्दिक पटेल को हिरासत में ले लिया है। उनके समर्थकों को मैदान से हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
अब संघ सुलझाएगा गुजरात में ओबीसी विवाद

अब संघ सुलझाएगा गुजरात में ओबीसी विवाद

गुजरात में ओबीसी कोटे को लेकर बढ़ते विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने कमान संभालने का फैसला किया है। संघ ने भाजपा की गुजरात सरकार के साथ एक बैठक में पटेल समुदाय के आरक्षण आंदोलन को सुलझाने के लिए प्रयास करने फैसला का किया है।
25 साल बाद मंडल-2 की  बड़ी चुनौती

25 साल बाद मंडल-2 की बड़ी चुनौती

1990 में जब प्रधानमंत्री विश्वनाथ सिंह ने मंडल आयोग की सिफारिशाें को लागू करने का कदम उठाया तो उस समय पूरी सियासत ही गरमा गई। जगह-जगह वीपी सिंह के पुतले फूकें जा रहे थे और उनकी सरकार भी गिरा दी गई। पच्चीस साल बाद भी मंडल आयोग की सिफारिशें पूरी तरह से लागू नहीं हो पाईं। मंडल आयोग की रिपोर्ट में 13 अनुशंसाएं की गई थीं लेकिन दो ही अनुशंसाएं लागू हो पाईं।
पिछड़े वर्ग के आरक्षण के 25 सालः 'लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई'

पिछड़े वर्ग के आरक्षण के 25 सालः 'लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई'

मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के पच्चीस साल पूरे होने पर आरक्षित कौमों को बधाई देता हूं। साथ ही मैं सुप्रीम कोर्ट का भी शुक्रगुजार हूं कि आरक्षण को लेकर कई तरह की बाधाएं पैदा हुई लेकिन हर बात जीत हमारी हुई। जिस दिन मंडल कमीशन लागू किए जाने की घोषणा हुई उस दिन से लेकर आज-तक लगातार किसी न किसी कारण से सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जाती रही है। लेकिन इसमें जीत हमेशा आरक्षित कौमों की हुई।
आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

आजादी विशेष / दलितों के लिए कानून हैं, अमल नहीं

भारतीय संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के उत्थान के लिए संविधान में कई अनुच्छेद बड़ी सतर्कता से शामिल किए। इन अनुच्छेदों में समाज में दलितों को समान दर्जा, अस्पृश्यता उन्मूलन और उनके प्रति भेदभाव मिटाने के प्रावधान, सबके लिए मौलिक अधिकारों के प्रावधान, समान न्यायिक सुरक्षा, मताधिकार और शिक्षा, रोजगार, पदोन्नति में आरक्षण, तरक्की तथा राजनीतिक प्रतिनिधित्व के प्रावधान रखे गए।
जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

जाटों को बैंक पीओ में आरक्षण नहीं, अपील खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले जाट आवेदकों की उस अपील को आज खारिज कर दिया जिसमें इन आवेदकों ने ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। इन आवेदकों ने जाट आरक्षण को सर्वोच्च अदालत द्वारा रद्द कर दिए जाने से पहले ओबीसी श्रेणी में बैंक पीओ प्रवेश परीक्षा के अलग-अलग स्तर पर सफलता हासिल कर ली थी मगर आरक्षण रद्द हो जाने के कारण इन्हें अंतिम रूप से नौकरी नहीं दी गई।
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